यूपी को बाल श्रम से आजादी दिलाने के लिए 8 जिलों में चलेगा विशेष अभियान

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Published By Vinay Shukla
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लखनऊ, अमृत विचार : यूपी सरकार ने राज्य को बाल श्रम से मुक्त करने के लिए एक व्यापक और चरणबद्ध रणनीति तैयार की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम विभाग द्वारा बनाई गई इस कार्ययोजना में महिला एवं बाल विकास विभाग को केंद्रीय भूमिका दी गई है। यह विभाग संकटग्रस्त बच्चों की पहचान से लेकर उनके पुनर्वासन तक सभी स्तरों पर सक्रिय भागीदारी करेगा।

सरकारी प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर 2026 तक प्रदेश के आठ जनपदों-बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र को बाल श्रम मुक्त किया जाए। इसके अतिरिक्त कानपुर मंडल और देवीपाटन मंडल में भी विशेष बाल श्रम विरोधी अभियान संचालित किए जाएंगे। बयान के अनुसार, महिला एवं बाल विकास विभाग की वन स्टॉप सेंटर, बाल सेवा योजना और स्पॉन्सरशिप योजना को बाल श्रमिकों के पुनर्वास में प्रभावी रूप से उपयोग में लाया जाएगा।

वन स्टॉप सेंटर अब संकटग्रस्त बच्चों को सिर्फ अस्थायी आश्रय ही नहीं, बल्कि उनकी पहचान, स्वास्थ्य परीक्षण, परामर्श और समाज में पुनर्स्थापन की सुविधा भी प्रदान करेंगे। वहीं, बाल सेवा योजना के अंतर्गत अनाथ और संकट में फंसे बच्चों को प्रति माह ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि उनकी शिक्षा और पालन-पोषण में कोई बाधा न आए। इसी प्रकार, स्पॉन्सरशिप योजना के तहत भी जरूरतमंद बच्चों को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार का मानना है कि इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की जा सकेगी।

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