काशी में बाढ़ का कहर: 80 घाट डूबे, खतरे में रिहायशी इलाके, जल पुलिस और NDRF टीमें करेगी गंगा-वरुणा में गश्त 

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Published By Anjali Singh
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वाराणसी। वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर शुक्रवार को चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच चुका है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 69.84 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से थोड़ा नीचे है। वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर पिछले चार दिनों में 2.6 मीटर बढ़ गया है। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने बताया कि बाढ़ के दौरान किसी भी विकट स्थिति से बचने के लिए अधिकारियों को उचित निर्देश दिए गए हैं। 

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चिह्नित कर उन्हें समय रहते बाढ़ राहत शिविरों में विस्थापित किया जायेगा। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें गंगा और वरुणा नदियों में गश्त करेंगी। चिकित्सा विभाग को क्लोरीन, ब्लीचिंग, ओआरएस, और एंटी-स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। 

बाढ़ प्रभावित संभावित क्षेत्रों, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में ढाब, शहरी क्षेत्रों में नगवां, अस्सी घाट, सामनेघाट, मारुति नगर, और वरुणा नदी के पलट प्रवाह से प्रभावित कोनिया, सरैया, सलारपुर, नक्खी घाट, ढेलवरिया, हुकुलगंज आदि में सभी बाढ़ राहत शिविरों को पूरी तरह तैयार करने और ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। 

जिले में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर संचालित होंगे, जिनमें शहरी क्षेत्र में 25 और ग्रामीण क्षेत्र में 21 शिविर शामिल हैं। आपात स्थिति के लिए लाउड हेलर और सायरन तैयार रखे गए हैं, साथ ही कंट्रोल रूम पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। सेतु निगम और लोक निर्माण विभाग को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सड़कों, पुलों, और उनके नीचे की सड़कों की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए हैं।

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