Friendship day : मित्रता के अपनत्व ने जोड़ी टूटती जिंदगी की डोर...मिला नया जीवनदान
बरेली, अमृत विचार। किडनी खराब होने पर परेशानी से जूझ रहे दो मरीजों की अस्पताल में ऐसी दोस्ती हुई, जो उनकी टूटती जिंदगी की डोर बन गई। दोनों की माताओं की किडनी एक दूसरे के लिए मैच हो गईं। दोनों की माताओं ने दोस्तों को किडनी दे दी और दोनों की जिंदगी बच गई।
दरअसल, वर्ष 2024 में एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पीलीभीत निवासी उमेश (25) और बरेली निवासी प्रशांत (28) काफी समय से डायलिसिस करवा रहे थे। इस बीच उन दोनों में दोस्ती हो गई। इससे उनके परिवार के लोगों के बीच मेलजोल बढ़ गया। डायलिसिस की तकलीफों के चलते दोनों के परिवारजनों ने किडनी ट्रांसप्लांट का फैसला किया। दोनों ही आयुष्मान योजना के लाभार्थी थे लेकिन परिजनों की किडनी मैच न होना दोनों के लिए बड़ी समस्या थी।
किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, दोनों को माताओं की किडनी एक दूसरे के साथ मैच हो रही थीं। ऐसे में एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में किडनी विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार ने दोनों को किडनी स्वैपिंग यानी एक दूसरे को किडनी देने की सलाह दी। उमेश और प्रशांत की दोस्ती के चलते उनके घरवाले इसके लिए सहमत हो गए। किडनी स्वैपिंग के रूप में 29 सितंबर 2024 में उमेश और प्रशांत की किडनी प्रत्यारोपण हुई।
