सावन पर कोतवालेश्वर मंदिर में होंगे विविध आयोजन, अंतिम सोमवार पर गजलक्ष्मी राजयोग का बन रहा संयोग 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। सावन के अंतिम सोमवार को कोतवालेश्वर महादेव मंदिर में कई आयोजन किए जाएंगे। महंत विशाल गौड़ ने बताया कि सावन के अंतिम सोमवार पर ब्रहायोग, इंद्रयोग, रवियोग, सर्वार्थसिद्धि योग और गुरु शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होगा। मंदिर में सुबह से ही भक्तों का आना शुरु हो जाता है। 

महादेव मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, घी, दही, चीनी, मिश्री, शहद और बेलपत्र से अभिषेक किया जाता है। उन्होंने बताया कि शिवलिंग पर इन वस्तु से अभिषेक करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। महंत ने बताया शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मंत्र ऊं नम: शिवाय का जप करते रहना चाहिए। 

हिंदू धर्म में इस मंत्र का विशेष महत्व है, माना जाता है कि इसमें शिव की कृपा प्राप्त करने की शक्ति है। ऊं नम: शिवाय मंत्र 5 अक्षरों से बना है। महंत विशाल गौड़ ने बताया कि सोमवार सावन का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है क्योंकि ये शिव को समर्पित है। भक्त या तो पूरे दिन का उपवास रखते हैं या भक्ति दिखाने और पवित्रता बनाए रखने के लिए केवल विशिष्ट सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। आध्यात्मिक महत्व के अलावा इस महीने में उपवास का ऋतु परिवर्तन से भी संबंध है।

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