सरयू का कहर जारी: खतरे के निशान से 47 सेमी ऊपर, दर्जनों गांवों में मचाई तबाही
गांव छोड़ रहे ग्रामीण, गुरुवार को फिर जलस्तर में तेजी के आसार, राज्यमंत्री ने किया दौरा, अफसरों को दिए सतर्कता के निर्देश
बाराबंकी, अमृत विचार : सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए बुधवार को 106.500 मीटर तक पहुंच गया। हालांकि, नदी की गति अब धीमी पड़ी है लेकिन खतरे के निशान से 47 सेंटीमीटर ऊपर बह रही सरयू ने तीन तहसीलों के दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। खेत, खलिहान, रास्ते और घर जलमग्न हो चुके हैं। ग्रामीण सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। रामनगर क्षेत्र के तपेसिपाह, कोरिनपुरवा, सिसौंडा, मल्लाहन पुरवा, परसादी पुरवा, दुर्गापुर, लहड़रा, बुधईपुरवा समेत कई गांवों में फसलें डूब चुकी हैं। खेतों में धान, परवल और गन्ने की फसलें पूरी तरह जलमग्न हैं। कई स्थानों पर आने-जाने के मार्ग बंद हो गए हैं।

खंड विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार यादव ने क्षेत्र का निरीक्षण किया और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी। अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य खंड शशि कांत ने बताया कि फिलहाल जलस्तर स्थिर है लेकिन बृहस्पतिवार को भारी बारिश के कारण पुनः तेजी आने की आशंका है।
सूरतगंज में ग्रामीण कर रहे पलायन : सूरतगंज क्षेत्र के हेतमापुर समेत बबुरी, बाबापुरवा, सुंदरनगर, क्योलीपुरवा, संकटापुर, गुडियनपुरवा, बेलाहरी आदि गांवों में पानी घरों तक पहुंच गया है। करीब 200 परिवार बाढ़ की चपेट में हैं। ग्रामीण सड़क और तटबंधों पर शरण लेने को मजबूर हैं। प्रशासन द्वारा दी गई चार नई नावों के साथ 13 पुरानी नावें चल रही हैं लेकिन मरम्मत के अभाव में उनमें पानी भर रहा है, जिससे खतरा और बढ़ गया है।
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राज्यमंत्री का सख्त निर्देश : बुधवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने एसडीएम सिरौलीगौसपुर प्रिया सिंह और रामसनेहीघाट के अनुराग सिंह के साथ तटबंध का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।
राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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