Bareilly: पानी में बह गए 1.60 करोड़, एक दिन भी नहीं चली गोशाला
बरेली, अमृत विचार। सरकारी धन की बर्बादी में अफसर कोई कसर नहीं छोड़ रहे। गांव अंबरपुर में बनी वृहद गोशाला इसका ताजा उदाहरण है। इसके निर्माण पर 1.60 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि एक साल पहले खर्च की गई, लेकिन यह गोशाला सिस्टम में बैठे जिम्मेदारों की नाकामी की वजह से एक दिन भी संचालित नहीं हो पाई।
कारण यह है कि गोशाला को किच्छा नदी के समीप और सड़क से आठ फीट नीचे बनाया गया। गोशाला में पानी भरने पर प्रधान से लेकर सचिव तक ने संचालन से हाथ खड़े कर दिए। सीडीओ देवयानी ने शुक्रवार को अफसरों के साथ इस गोशाला का निरीक्षण किया।
यह गोशाला बहेड़ी के गांव अंबरपुर परगना कावर में 1.164 हेक्टेयर ग्राम सभा की भूमि पर बनी है। भूमि का स्थलीय निरीक्षण करने पर पता चला गोशाला किच्छा नदी से करीब दो सौ मीटर और बहेड़ी-शेरगढ़ मार्ग से करीब तीन सौ मीटर दूरी पर स्थित है। भूमि सड़क से करीब आठ फुट नीचे है। बाढ़ के नजरिये से गो संरक्षण केंद्र के लिए यह जगह सुरक्षित प्रतीत नहीं होती।
इसके बावजूद आंखें मूंदकर बनाए गए इस गोशाला के प्रस्ताव पर तत्कालीन एसडीएम ने मुहर लगाते हुए अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी थी। बताया यह भी जाता है कि पिछले जुलाई माह में बाढ़ आने के दौरान गोशाला में छह से सात फिट तक पानी भर गया था। यह मामला जब सुर्खियां बना तो जगह चिन्हित करने वाले लेखपाल पर ठीकरा फोड़ते हुए उसको निलंबित कर दिया गया था, जबकि तत्कालीन एसडीएम ने भी जगह का मौका मुआयना किया था।
बहराल, सीडीओ देवयानी ने शुक्रवार को डीसी मनरेगा मो. हसीब अंसारी, सीवीओ मनमोहन पांडेय आदि के साथ निरीक्षण किया। इस दौरान भी गोशाला में पानी भरा मिला। पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि यहां गोवंश नहीं रखे जाते हैं क्योंकि बारिश के दिनों में किच्छा नदी में पानी बढ़ने पर गोशाला पानी से लबालब दिखाई देती है।
करीब एक घंटा निरीक्षण करने के बाद सीडीओ अधिकारियों के साथ लौट आईं। सीवीओ मनमोहन पांडेय ने बताया कि गोशाला उनके कार्यकाल में नहीं बनी थी। किसके स्तर पर जगह का चयन हुआ इसकी भी जानकारी नहीं है। पूरा प्रकरण उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है।
