ऐसा शातिर, दृश्यम की तरह गढ़ता रहा 'दृश्य'
नरेन्द्र देव सिंह, हल्द्वानी। पुलिस के सामने ऐसा एक आरोपी आया जिसने अपराध की पृष्ठभूमि पर गढ़ी गई बेहतरीन फिल्म 'दृश्यम' की याद दिला दी। आरोपी सामने था, सबूत सामने थे और आरोपी भी कोई पेशेवर नहीं था और न ही वह पढ़ाई और तकनीक में दक्ष था लेकिन अपराध के बाद कैसे बचा जा सकता है, इसकी उसे भरपूर जानकारी थी। जिस वजह से उसको पकड़ने में पुलिस की तीन सर्च टीम, एक सर्विलांस टीम, फॉरेसिंक टीम, डॉग स्क्वाड के 44 लगे रहे। बाद में शहर के जाने-माने मनोविज्ञानी डॉ. युवराज पंत तक को गुत्थी सुलझाने में लगना पड़ा। मनोविज्ञानी ने आरोपी से बात की और वह धीरे-धीरे टूट गया।
गौलापार में मासूम की जब लाश मिली तो सब सन्न रह गए। आरोपी ने उसके हाथ और सिर को काट दिया था। पुलिस को आधी लाश मिली। सीसीटीवी में निखिल जोशी भी दिख गया जो बच्चे को हत्या से पहले अपने साथ लेकर जा रहा था। पहले तो उसने तंत्र-मंत्र की भी झूठी कहानी गढ़ी। पुलिस के एसआई से लेकर आला अधिकारी तक आरोपी का मुंह खुलवाने में लगे रहे लेकिन वह शांत रहा। वह यही बोलता रहा कि उसने कुछ नहीं किया। पुलिस समझ गई कि यह कोई आम अपराधी नहीं है। इसलिए मदद ली गई एसटीएच के मनोविज्ञानी डॉ. युवराज पंत की। डॉ. पंत ने बताया कि इस तरह के अपराधी अपने झूठ पर अडिग रहते हैं। यह झूठ बोल देंगे और आप बार-बार उनसे पूछोगे तब भी यह अपनी बात से नहीं हटेंगे। आप कैसे भी उन्हें घुमाने की कोशिश करोगे लेकिन यह आपके फंदे में नहीं आएंगे। इसलिए एक तरह से इस तरह के अपराधियों के दिमाग के बहुत अंदर जाकर झांकना पड़ता है। उसे उसकी ही बातों से तोड़ना पड़ता है। उसकी कमजोरी परखनी पड़ती हैं, तब जाकर यह टूटकर बाहर आते हैं और सच सामने लाते हैं।
फिल्मों जैसे किरदार से पुलिस का सामना
हल्द्वानी। अगर आपने दृश्यम फिल्म देखी है तो उसमें अपराध करने के बाद विजय सलगांवकर (अजय देवगन) और उसका परिवार अपने झूठ पर अडिग रहता है। वो जो कहानी शुरू में बताते हैं, उसे अंत तक बताते रहते हैं, उस मूवी में दिखाया था कि अजय देवगन को पता था कि अगर पुलिस को लाश नहीं मिलेगी तो वह कुछ नहीं कर पाएगी। अब असली दुनिया की बात करें तो इसी तरह इस मामले में पुलिस के सामने समस्या तब हुई जब मासूम का सिर और हाथ नहीं मिला। आरोपी करीब पांच दिन तक चुप रहा। उसे पता था कि अगर पुलिस को मासूम का सिर और हाथ नहीं मिलेगा तो पुलिस परेशान होगी और उसके बचने की राह आसान हो जाएगी।
क्राइम से जुड़ी फिल्मों और वेब सीरीज का शौकीन
हल्द्वानी। आरोपी निखिल क्राइम से जुड़ी फिल्में और वेब सीरीज देखने का शौकीन है। वह अपना ज्यादातर समय इस तरह की फिल्मों और वेब सीरीज को देखने में लगाता है। माना जा रहा है कि पुलिस को उसने इतने दिन तक इसलिए छका लिया क्योंकि वह पुलिसिंग और कानून की बहुत सी कमजोरियों को जानता था। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने भी कहा कि आरोपी कम पढ़ा लिखा है लेकिन अपराध को लेकर उसकी जानकारी चकित कर देने वाली है।
