बाराबंकी: घट रहा सरयू का जलस्तर, सक्रामक रोगों ने पसारे पैर, प्रभावित गांवों की बढ़ी दिक्कतें, कटान शुरू

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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रामनगर/रामसनेहीघाट, बाराबंकी, अमृत विचार। खतरे के निशान से 53 सेमी ऊपर जाने के बाद सरयू नदी का जलस्तर घटता जा रहा है लेकिन पानी से घिरे गांवों की दिक्कतें बढ़ गई हैं, संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा तो है ही साथ ही नदी किनारों पर कटान करती जा रही है। सुरक्षित स्थानों पर रुके ग्रामीण अब नदी के शांत हो जाने के इंतजार में हैं।  

रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र में सरयू नदी का जलस्तर घट रहा है। सरयू का जलस्तर बढ़ने से बांध व नदी के बीच स्थित घर, खेत व स्कूल पानी से घिर गए थे। अब घटते जलस्तर ने ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। किसानों की सैकड़ों एकड़ धान की फसल जलमग्न है, वहीं न गांव सही दशा में हैं और न ही वापसी के रास्ते। नदी घटने के बावजूद सुरक्षित स्थानों पर ठहरे ग्रामीण नदी पर नजर बनाए हुए हैं।

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रामनगर तहसील क्षेत्र में नदी का जलस्तर घटा है लेकिन संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ने लगा है। तेजी से घटे जल स्तर के चलते बाढ़ का पानी नदी में वापस पहुंच गया है लेकिन गांवों के मार्गो व गड्ढों में बाढ़ का गन्दा पानी रुका है जिससे बीमारियां अपने पैर पसारने लगी है। इस पर काबू पाने के लिए एंटी लारवा ब्लीचिंग पाउडर और साफ सफाई करवाना आवश्यक हो गया है लेकिन जलस्तर घटने के बाद क्षेत्र में कोई दिख नहीं रहा। रविवार की शाम 5 बजे नदी का जलस्तर 106.330 सेमी पर रह जो खतरे के निशान से 26 सेमी ऊपर है। 

उधर सूबे के राज्यमंत्री सतीश शर्मा रामसनेहीघाट के गुनौली गांव में बाढ़ के हालातों के बीच खुद राहत सामग्री लेकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे। प्राथमिक विद्यालय मालधा में आयोजित कार्यक्रम में जब 150 परिवारों को राशन किट सौंपी। राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ बाढ़ को लेकर अत्यन्त संवेदनशील हैं। उन्होंने मौजूद ग्रामवासियों को आश्वस्त किया कि आपदा के दौरान प्रदेश सरकार, शासन व प्रशासन आपके साथ है।

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उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ राहत और बचाव कार्यों को लेकर सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के समन्वय से प्रभावितों तक हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही है। एसडीएम अनुराग सिंह ने बताया कि प्रशासन की पूरी टीम राहत और बचाव कार्यों में दिन-रात लगी है। लक्ष्य है कि कोई भी प्रभावित परिवार बिना मदद के न रहे। हम ज़रूरत के अनुसार राशन, चिकित्सा, और सुरक्षित आश्रय की व्यवस्था लगातार कर रहे हैं।

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ठिकानों में भरा पानी, सड़क पर टहल रहे जीव जंतु

रामनगर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में बाढ़ के चलते विषैले जीव जन्तु पानी से बचने के लिए जहाँ ऊँचे स्थानों व खुली जगहों की शरण ले रहे। वही पानी में रहने वाले जीव भी पानी से निकलकर खुले मैदान में आकर बैठ रहे जिससे लोगों को खतरा बना हुआ है। शनिवार की रात पुराने हाईवे पर चौकाघाट रेलवे क्रॉसिंग के निकट एक मगरमच्छ का बच्चा खुली हवा का आनंद लेने के लिए पानी से निकलकर मुख्य सड़क मार्ग पर बैठा दिखा, वह मार्ग से गुजरने वाले लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा कुछ देर आराम फरमाने के बाद पुनः बच्चा पानी में चला गया। बाढ़ के समय इन जलचर जंतुओं से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग को भी कॉम्बिंग करना जरूरी है।

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