वन्यजीव गणना-2025 : वन्यजीवों ने बदायूं को बनाया नई पनाहगाह, बरेली से बना रहे दूरी
मोनिस खान, बरेली। वन्यजीव गणना में वन विभाग के आंकड़े चौकाने वाले हैं। बरेली वृत्त में बदायूं जिला वन्यजीवों की नई पनाहगाह के रूप में उभरा है, जबकि बरेली जिले में वन्यजीवों की संख्या में भारी गिरावट आई है। वन विभाग ने तीन साल में होने वाली वन्य जीव गणना में वर्ष 2022 के मुकाबले इस साल हुई वन्यजीव गणना में बदायूं में सबसे ज्यादा जंगली जानवर चिह्नित किए हैं, वहीं बरेली में संख्या लगभग 66 प्रतिशत घट गई। इसके अलावा शाहजहांपुर में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है।
वन विभाग ने ताजा वन्य जीव गणना में करीब 29 प्रजातियों की गिनती की है। इनमें हिरण, फिशिंग कैट, लंगूर, बंदर, मोर, सियार, भेड़िया, भालू, जंगली सुअर जैसे वन्यजीव शामिल हैं। गणना के मुताबिक सबसे ज्यादा 53972 वन्यजीव बदायूं जिले में चिह्नित किए गए हैं। तीन साल पहले हुई गणना में ये संख्या 50828 थी। सबसे चौंकाने वाले आंकड़े बरेली जिले के हैं। यहां वन्यजीवो की संख्या 13776 से घटकर महज 4708 रह गई है, जबकि शाहजहांपुर में संख्या बढ़कर 17578 हो गई। तीन साल पहले यहां 17295 वन्यजीव चिह्नित किए गए थे।
लंगूरों की दस्तक से बंदरों का पलायन
बरेली वृत्त में लंगूरों ने अपना कुनबा बढ़ाना शुरू किया है, इसके चलते बंदरों ने जंगलों से दूरी बनानी शुरू कर दी है। बरेली में सबसे ज्यादा गिरावट बंदरों की संख्या में ही आई है। जिले में बंदर 6019 से घटकर महज 1272 ही रह गए। दूसरी तरफ लंगूरों की संख्या आश्चर्यजनक तरीके से तीन साल में 14 से बढ़कर 506 हो गई है। सबसे ज्यादा लंगूर बरेली में ही चिह्नित किए गए हैं। चूंकि बंदर लंगूर को देखकर भागते हैं, लिहाजा बंदरों के कम होने की बड़ी वजह लंगूरों की संख्या में बढ़ोतरी को माना जा रहा है। बदायूं में 31 और शाहजहांपुर में 36 लंगूर चिह्नित किए गए हैं।
बरेली में सियारों ने समेटा कुनबा तो भेड़िये गायब
बरेली जिले में सियार कम होने लगे हैं, जबकि भेड़िये अचानक गायब हो गए हैं। बरेली जिले में तीन साल पहले कागजों में भेड़ियों की संख्या 418 थी, वहीं ताजा वन्य जीव गणना में कोई भी भेड़िया नहीं मिला है। शाहजहांपुर में भी कोई भेड़िया नहीं मिला है, जबकि बदायूं में 13 भेड़िये मिले हैं। दूसरी तरफ सियार जिले में 1350 से घटकर 622 रह गए। बदायूं में सियारों की संख्या 1819 से बढ़कर 2217 और शाहजहांपुर में 814 से घटकर 681 हो गई है।
राष्ट्रीय पक्षी मोर को भा रही बरेली की आबोहवा
बरेली जिले में राष्ट्रीय पक्षी मोरों की संख्या बीते तीन सालों में बढ़ी है। इस बार 373 मोर चिन्हित किए गए हैं, जबकि तीन साल पहले ये संख्या महज 218 थी। इसके अलावा बदायूं में 2419 और शाहजहांपुर में 1424 थी। तीन साल पहले इन दोनों जिलों में ये संख्या क्रमश: 2990 व 1785 थी। यानि बदायूं और शाहजहांपुर दोनों ही जगह राष्ट्रीय पक्षी मोर की संख्या घटी है।
राजकीय पक्षी सारस की तादाद भी बढ़ी
वन विभाग की तरफ से बीते महीने ग्रीष्मकालीन सारस गणना भी कराई गई थी। बरेली वृत्त में वन विभाग को 1551 सारस मिले हैं, पूरे रुहेलखंड जोन में 1878 सारस वन विभाग ने चिन्हित किए। बरेली वृत्त समेत रुहेलखंड जोन में राजकीय पक्षियों की तादात बढ़ी है। बरेली जिले में 357, बदायूं में 109, शाहजहांपुर में 1085 चिन्हित किए गए हैं। पीलीभीत वृत्त के तहत वहीं पीलीभीत सामाजिक वानिकी में 95 व पीटीआर में शून्य सारस दर्ज हुए हैं।
रुहेलखंड जोन के मुख्य वन संरक्षक पीपी सिंह ने बताया कि वन्यजीवों की संख्या कम या ज्यादा संबंधित स्थान पर पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर करती है। जैसे बंदरों की बात करें तो अगर उन्हें जंगल में खाना नहीं मिलेगा तो वे खाने की तलाश में आबादी की तरफ आते हैं। वहीं भेड़िया नदी के आसपास रहने वाला जानवर है, ये भी झुंड में रहता है। जब तक नदी की धारा अपना रुख न बदले इनका पलायन आमतौर पर कम होता है। इसी तरह की अलग-अलग परिस्थितियां दूसरे वन्य जीवों के साथ हैं।
