बरेली कॉलेज की ''सीक्रेट क्लास'' का श्रीनगर में विमोचन, 1857 के गदर से लेकर आजाद भारत तक के किस्से...
बरेली, अमृत विचार: आजादी के मतवालों की वीर गाथाएं संजोएं 'बरेली कॉलेज' की 'सीक्रेट क्लास' पुस्तक का विमोचन श्रीनगर में हुआ। बरेली जो, 1857 के गदर में ही आजाद हो गई थी। 'सीक्रेट क्लास' में उन सूरवीरों के किस्से हैं। वीरता की झांकियां हैं। आनंदमठ के सन्यासी विद्रोह की तरह ये, 'क्लास' 19वीं सद के शिक्षक विद्रोह की बेमिसाल कहानियां समेटे है।
शुक्रवार को श्रीनगर में हुए 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह पर श्रीनगर के वरिष्ठ न्यायाधीशों और सीआरपीएफ के अफसरों ने इसका विमोचन किया। इस दौरान सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अरविंद कुमार राय, दिबाकर सिंह आदि उपस्थित रहे।
दिलचस्प बात ये है कि स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता के दर्शन सीआरपीएफ के जवान संदीप यादव करा रहे हैं। बरेली कॉलेज की 'सीक्रेट क्लास' पुस्तक के लेखक संदीप याव है, जो बरेली के रहने वाले हैं और बरेली कॉलेज के छात्र भी रहे हैं। बरेली कॉलेज में उनके छात्र जीवन के किस्सों से लेकर स्वतंत्रता की मशाल जलाने वाले मतवालों की कहानियां भी हैं।
पुस्तक विमोचन के मौके पर डीएस माहरा (सदस्य जे/एचओडी), एमएस लतीफ (सदस्य, जे) और प्रशांत कुमार (सदस्य, ए) जैसे वरिष्ठ न्यायाधीश उपस्थित रहे। इसके अलावा सीआरपीएफ के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों ने सीक्रेट क्लास के विमोचन में भाग लिया। लेखक संदीप यादव के प्रयासों की सराहना की। वरिष्ठ न्यायाधीश ने कहा कि निश्चित रूप से ऐसी कोशिशें युवाओं में रचनात्मकता बढ़ाती हैं। 'सीक्रेट क्लास' जैसे साहित्यिक प्रयास छात्रों को अपने विचार और भावनाओं को व्यक्त करने का एक मंच प्रदान करते हैं।
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