UP : 39 महाविद्यालयों के प्राचार्यों की होगी जांच, फर्जी शोध अनुभव के आधार पर मिली नियुक्ति पर उठे सवाल

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Published By Vinay Shukla
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उच्च शिक्षा विभाग सख्त, मूल अभिलेखों का होगा सत्यापन | दो दिन में शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट

कानपुर, अमृत विचार : कानपुर मंडल में शिक्षा जगत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। फर्जी शोध अनुभव के आधार पर नियुक्ति पाने वाले प्राचार्यों की जांच शुरू कर दी गई है। शासन के आदेश के बाद उच्च शिक्षा विभाग हरकत में आया और मंडल के 39 महाविद्यालयों के प्राचार्य जांच के दायरे में आ गए हैं। बुधवार से उच्च शिक्षा अधिकारी के माध्यम से इन प्राचार्यों के मूल अभिलेखों का सत्यापन कार्य शुरू किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

क्यों हो रही जांच?

प्रदेश में सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 2019 की भर्ती प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी सामने आई है। वर्ष 2021 में लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और प्रमाणपत्रों के सत्यापन के बाद कुल 290 प्राचार्यों की नियुक्ति हुई थी। लेकिन हाल ही में पूर्वांचल के एक कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ यह तथ्य सामने आया कि उसने गलत शोध अनुभव प्रमाणपत्र जमा किया था। इसके बाद पूरे प्रदेश में संदेह के घेरे में आए प्राचार्यों की जांच कराने का फैसला लिया गया है।

जांच की प्रमुख बातें
  • कानपुर मंडल के 39 प्राचार्यों के दस्तावेज होंगे चेक
  • फर्जी शोध अनुभव प्रस्तुत करने वालों पर गिरेगी गाज
  • दो दिन में शासन को रिपोर्ट भेजेगा उच्च शिक्षा विभाग
  • प्रदेशभर के सभी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में होगी जांच
अधिकारी का बयान

उच्च शिक्षा अधिकारी सुशील बाबू ने बताया कि शासन स्तर से जांच शुरू की गई है। मंडल के जिन प्राचार्यों की नियुक्ति हुई है, उनके सभी अभिलेखों का गहन सत्यापन किया जाएगा।

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