UP : बर्ड फ्लू जूनोटिक बीमारी...इंसानों में फैलने का खतरा, अंडा या मुर्गी का मांस खाने से करें परहेज

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Published By Monis Khan
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रामपुर, अमृत विचार। जिले में बर्ड फ्लू का खतरा अब इंसानों में भी फैलने की आशंका बन गई है। हालांकि प्रशासन ने इसके आयात और बिक्री पर पूर्ण तरीके से रोक लगा दी, इसके बाद भी खतरा बना हुआ है। खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने लोगों से सचेत रहने की चेतावनी दी है। वहीं पोल्ट्री फार्म भी पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। उनके बाहर चेतावनी भी लिखी गई है कि प्रवेश करना मना है।

जिले में चंदेन स्थित पोल्ट्री फार्म की रिपोर्ट आने पर पता चला था कि यहां भी मुर्गियों में बर्ड फ्लू फैल चुका है। इसके बाद अधिकारियो ने फार्म की 16 हजार मुर्गियों को दफन करा दिया था। फार्म के मालिक व अन्य लोगों को जाने से मना किया था। बर्ड फ्लू को देखते हुए जिला प्रशासन ने अंडे, मुर्गे और मुर्गियों के आयात व निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इनकी बिक्री भी रोकी जा चुकी है। वहीं अब तक कई अन्य पोल्ट्री फार्मों की जांच की जा रही है। सीवीओ डॉ. वेदप्रकाश ने बताया बर्ड फ्लू एक संक्रामक वायरस है जो मुख्य रूप से जंगली पक्षियों और मुर्गियों को प्रभावित करता है। यह वायरस अन्य जानवरों, जैसे घरेलू और जंगली स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है।

भेजे गए नमूने
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि बिलासपुर क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म से 50 से ज्यादा मुर्गियों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर में कप्तान और महाराज पोल्ट्री फार्म में करीब 35 हजार से ज्यादा मुर्गियां जमीन में दबाई गई हैं। दोनों पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, हालांकि इसके बाद 50 से ज्यादा सैंपल भोपाल और बरेली भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आने का इंतजार है। मामले में जिला प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अब स्थिति सामान्य होती जा रही है, कड़ी निगरानी की जा रही है।

इस वायरस से फैलता है बर्ड फ्लू
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. वेदप्रकाश ने बताया बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कारण होता है, जो मुख्य रूप बत्तख, हंस, मुर्गियों सहित पालतू पक्षियों को प्रभावित कर सकता है। यह पक्षियों में अत्यधिक संक्रामक है। संक्रमित पक्षियों की लार, नाक के स्राव या मल के संपर्क में आने से फैलता है। घरेलू मुर्गियां इस वायरस के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होती हैं और अक्सर गंभीर संक्रमण विकसित कर लेती हैं। बर्ड फ्लू एक जूनोटिक बीमारी है यह जानवरों से इंसानों में फैल सकती है। इसलिए लोगों को रोगी मुर्गी और उसके अंडे खाने से परहेज करना चाहिए।

लक्षण और बचाव
बर्ड फ्लू से संक्रमित होने पर मनुष्यों में हल्के से लेकर गंभीर फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं, जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, और थकान आदि है। इनके अलावा कुछ मामलों में, बर्ड फ्लू निमोनिया, तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम और यहां तक कि मृत्यु जैसे गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है। बर्ड फ्लू से अस्थमा या सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी पुरानी फेफड़ों की बीमारियों का बिगड़ना, कान और साइनस का संक्रमण, गुर्दे और हृदय की समस्याएं, और सेप्सिस जैसी स्थितियां हो सकती हैं। इसलिए संक्रमित पक्षी से हमेशा बचें। उसके पास जाने से भी डाक्टरों ने मना किया है।

सावधानी बरतें
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से बचें। खासकर यदि वे जंगली पक्षी या मुर्गीपालन में हो उनसे। साबुन और पानी से बार बार हाथ धोएं।
नियमित रूप से हाथ धोने से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढक लें, जिससे हवा में फैलने वाले कीटाणु दूसरों तक न पहुंचे। यदि आपको किसी तरह के लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू एक गंभीर बीमारी है, लेकिन उचित सावधानी और चिकित्सा देखभाल के साथ, इसके खतरे को कम किया जा सकता है।

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