सपनों की नौकरी बनी जाल : रेगिस्तान की तपिश में भूखा-प्यासा छोड़ा, भारतीय दूतावास ने बचाई जान
कानपुर का आरिफ सऊदी में बंधक, 19 दिन मौत से जूझकर लौटा वतन
कानपुर, अमृत विचार : कानपुर का एक युवक ज्यादा कमाई की लालच में सऊदी अरब चला गया, लेकिन वहां उसके साथ धोखा हो गया। एजेंट ने नौकरी का झांसा देकर उसे विदेश भेजा और वहां एक शेख ने पासपोर्ट व वीजा छीन लिया। युवक को रेगिस्तान में ऊंट चराने पर मजबूर कर दिया गया। भीषण गर्मी और भूख-प्यास में वह 19 दिन तक परेशान रहा। किसी तरह बचकर भागा, जेल भी काटी और आखिरकार भारतीय दूतावास की मदद से वतन लौट पाया। अब उसने पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई है।
बाइक बेचकर दिया एजेंट को पैसा : कानपुर के नौबस्ता निवासी आरिफ अंसारी ने बताया कि दोस्त के जरिए उसकी मुलाकात एक एजेंट से हुई। एजेंट ने सऊदी में अच्छी नौकरी और मोटी सैलरी का झांसा दिया। आरिफ ने अपनी बाइक बेचकर डेढ़ लाख रुपये दिए। इसके बाद उसे मुंबई से सऊदी भेज दिया गया।
शेख ने पासपोर्ट और वीजा छीना : सऊदी पहुंचते ही एक एजेंट ने उसे एक शेख के हवाले कर दिया। वहां पहुंचते ही उसका मोबाइल तोड़ दिया गया और पासपोर्ट-वीजा जब्त कर लिया गया। इसके बाद उसे ऊंट चराने का काम दिया गया।
टैंकर जैसे घर में भूखा-प्यासा रहा : आरिफ ने बताया कि उसे एक टैंकर जैसे कमरे में रखा गया, जहां न पंखा था और न ही बिजली। भीषण गर्मी में वह दिन-रात प्यासा और भूखा तड़पता रहा। करीब 18 दिन बाद उसकी हालत खराब हो गई। 19वें दिन वह किसी तरह वहां से भाग निकला, लेकिन स्थानीय पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया।
भारतीय दूतावास ने कराई वतन वापसी : करीब एक महीने बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने उसकी मदद की। नया पासपोर्ट बनवाकर उसे मुंबई की फ्लाइट में भेजा गया। इसके बाद वह किसी तरह अपने घर कानपुर लौट आया। आरिफ ने बताया कि उसकी मां ने जब एजेंट से संपर्क किया तो उसने गाली-गलौज की। अब पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है। आरिफ का कहना है कि अगर भारतीय दूतावास मदद नहीं करता, तो शायद वह कभी वतन वापस नहीं आ पाता।
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