पाक-अमेरिका संबंधों का इतिहास और उसे अनदेखा करने की प्रवृत्ति: जयशंकर
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं, लेकिन दोनों देश इस इतिहास को अनदेखा करने की आदत भी रखते हैं। उन्होंने 2011 में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के इस्लामाबाद के पास मारे जाने की घटना का जिक्र किया। यह बयान ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर सवाल के जवाब में आया।
‘इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम’ में जयशंकर ने कहा, “दोनों देशों का आपसी इतिहास रहा है, और उस इतिहास को नजरअंदाज करने की भी उनकी परंपरा रही है। यह कोई नई बात नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “यह वही सेना है, जो एबटाबाद पहुंची थी, और वहां, आप जानते हैं, किसका सामना हुआ।” गौरतलब है कि 2 मई, 2011 को अमेरिकी नौसेना के सील कमांडो ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के नजदीक एबटाबाद में अति-गोपनीय ऑपरेशन में बिन लादेन को मार गिराया था। इस अभियान की जानकारी अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ पहले साझा नहीं की थी।
जयशंकर ने अपने संबोधन में भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं हर स्थिति और चुनौती का जवाब संबंधों की व्यापक संरचना और उससे मिलने वाले आत्मविश्वास के आधार पर देता हूं। मैं अपनी स्थिति, अपनी ताकत, और अपने रिश्तों की प्रासंगिकता को समझता हूं, और यही मेरा मार्गदर्शन करता है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे, कि उन्होंने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव को खत्म कराया, पर जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यह तनाव दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद समाप्त हुआ था। उन्होंने कहा, “यह सच है कि उस दौरान फोन कॉल्स हुए थे। अमेरिका और अन्य देशों ने भी संपर्क किया था। यह कोई छिपी बात नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में देश फोन कॉल्स करते हैं।” जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के बाद ही तनाव का समाधान हुआ था।
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