विशेषज्ञ पदों का विवरण स्वास्थ्य विभाग भेजे तो बात बने 70 वर्ष पर, स्वास्थ्य विभाग में पुनर्योजन में डॉक्टरों की आयु सीमा बढ़ाने का मामला

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : राज्य सरकार सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टरों को संविदा (पुनर्योजन) पर सेवाएं देने के लिए अधिकतम उम्र 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष करना चाह रही है, मगर स्वास्थ्य विभाग से सही से प्रस्ताव नहीं मिल रहा है। शासन द्वारा दोबारा स्वास्थ्य विभाग से ग्रेड वन से ग्रेड सात तक विशेषज्ञों के रिक्त पदों के सापेक्ष विवरण मांगा जा रहा है, जबकि प्रशासनिक पदों पर डटे विशेषज्ञ चिकित्सक अधिकारी मामले को ठंडे बस्ते में डाले हैं।

स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव अनिल कुमार सिंह द्वारा स्वास्थ्य महानिदेशक को जारी आदेश से स्पष्ट है कि विभाग विशेषज्ञ डॉक्टरों के रिक्त 4331 पदों को भरने के लिए प्रयासरत है, कैबिनेट में स्वीकृत प्राप्त करने के लिए उसे मजबूत प्रस्ताव चाहिए, जिसकी अपेक्षा स्वास्थ्य महानिदेशक से की गयी थी, मगर विभाग द्वारा बिना विस्तृत विवरण प्रस्तुत किए, पुनर्योजन पदों के लिए आयु सीमा 70 वर्ष किए जाने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। जिसे शासन द्वारा न केवल खारिज कर दिया गया है, बल्कि प्रस्ताव को सतही बताते हुए एक सप्ताह में लेवलवार रिक्त पदों को भरने के लिए फ्लो चार्ट की कार्य योजना संबन्धी प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। शासन के उक्त पत्र के बाद निदेशालय में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को पसीना आना शुरू हो गया है, महानिदेशालय समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश कार्यालयों में प्रशासनिक पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सक ही तैनात हैं, ग्रेडवार रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दिखाने पर, तैनाती पर संकट भी आ सकता है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में निर्देश जारी हो चुके हैं कि विशेषज्ञ चिकित्सकों को किसी भी सरकारी अस्पताल में सप्ताह में दो दिन चिकित्सकीय सेवाएं देनी होंगी।

273 विशेषज्ञों की उपलब्धता बनी रहेगी

पुनर्योजन के 1000 पद के सापेक्ष मात्र 349 डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं, गौरतलब है कि इनमें 273 विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, जिनमें हर माह 65 साल आयु पूरी करने वाले चिकित्सक सेवामुक्त हो रहे हैं। इन्हें सेवाओं में बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने पुनर्योजन के पदों पर आयु की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 साल किए जाने का प्रस्ताव भेजा था।

पुनर्योजन के पद पर आयु सीमा बढ़ाकर 70 साल किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था, दोबारा पत्र में ग्रेड वार फ्लो चार्ट, यानि ग्रेड वन में चार साल की सेवाएं देने के बाद ग्रेड दो में प्रमोशन दिया जाता है, इसी तरह ग्रेड दो में छह साल सेवाएं देने के बाद, ग्रेड थ्री में पदोन्नति मिलती है। यही क्रम ग्रेड सात तक निर्धारित है। जिसे दोबारा के प्रस्ताव में अंकित करते हुए भेजा जाएगा। -डॉ.रतन पाल सिंह ‘सुमन’, स्वास्थ्य महानिदेशक उप्र.

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