QR code से भी भुगतान कर सकेंगे किसान... खाद के लिया चल रही मारा-मारी के बीच यूपी सरकार का बड़ा फैसला

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। प्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर चल रही मारा-मारी के बीच खाद के वितरण में पारदर्शिता और किसानों की सहूलियत को देखते हुए सहकारिता विभाग ने क्यूआर कोड की व्यवस्था शुरू की है। इसके पीछे विभाग का मानना है कि इससे जहां किसानों को सुविधा होगी, वहीं भुगतान को लेकर विभाग के पास भी रिकार्ड रहेगा। 

प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर ने इस सुविधा की शुरुआत एक दिन पूर्व बाराबंकी में की है। इस बारे में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी तक साधन सहकारी समितियों पर बीज एवं खाद के भुगतान को लेकर दिक्कत आती थी। 

उनका कहना है कि सहकारिता क्षेत्र को आधुनिक एवं डिजिटल स्वरूप देने के लगातार प्रयास हो रहे हैं। ऑनलाइन भुगतान से निधारित मूल्य से अधिक दर पर खरीद बिक्री के मामले कम होंगे। सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर के अनुसार क्यूआर कोड आधारित भुगतान प्रणाली लागू होने से ग्रामीण सहकारिता तंत्र को डिजिटल स्वरूप मिलेगा। इससे लेनदेन की प्रक्रिया आसान होगी।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि समितियों में आधुनिकीकरण के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर, एलईडी और जहां बिजली उपलब्ध नहीं है वहां 2 किलोवॉट सोलर रूफटॉप पैनल लगवाए जा रहे हैं। समितियों की कार्यशील पूंजी को सुदृढ़ किया गया है। कैश क्रेडिट लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया जा रहा है।

 गौरतलब है कि विभाग के मुताबिक सभी जिलों में यूरिया और डीएपी की भरपूर उपलब्धता है। समितियों में यूरिया 266.50 रुपये प्रति बोरी और डीएपी 1350 रुपये बोरी बिक रही है। इस वर्ष सहकारी समितियों से 10.40 लाखा मीट्रिक टन यूरिया का वितरण हुआ है। गत वर्ष इसी अवधि में 7.42 लाख मीट्रिक टन वितरण हुआ था। 

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