UP International Trade Show 2025 सांस्कृतिक रंगों से होगा सराबोर, सिर्फ व्यापार ही नहीं... कला-संस्कृति का भी संगम बनने जा रहा है UPITS

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 सांस्कृतिक रंगों से सराबोर होगा। यह सिर्फ व्यापार ही नहीं, कला-संस्कृति का भी संगम बनेगा। इस मेगा आयोजन की हर शाम रंगारंग प्रस्तुतियों से सराबोर होगी। भोजपुरी, अवधी, बुंदेली और थारू जैसी लोक परंपराओं का प्रदर्शन होगा। सूफी गायन, कथक नृत्य और सुगम संगीत तक का संगम देखने को मिलेगा। ‘निरहुआ’से लेकर पद्मश्री मालिनी अवस्थी अपनी-अपनी प्रस्तुतियां देंगी।

शासन के अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री की पहल पर ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में 25 सितंबर से 29 सितंबर तक आयोजित होने वाले इस मेगा आयोजन की हर शाम रंगारंग प्रस्तुतियों से सराबोर होगी। शो में देश व प्रदेश के दिग्गज कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, पद्मश्री मालिनी अवस्थी, सूफी गायिका प्रतिभा सिंह बघेल, कथक नृत्यांगना अनुराधा शर्मा, बैंड प्रस्तुति देने वाली संस्कृति गाथा ग्रुप जैसी हस्तियां इस आयोजन को यादगार बनाएंगी।

पहला दिन : भोजपुरी और कथक का संगम

25 सितंबर की शाम की शुरुआत भोजपुरी सुपर स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ की गायकी से होगा, जो अपने लोकगीतों से दर्शकों का दिल जीतेंगे। इसी दिन वाराणसी की सोनी सेठ ‘राम रामेति रामायाः’ शीर्षक कथक नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी। इसके साथ ही संस्कृति गाथा गर्ल्स बैंड की मोहिनी, सोनल और अनन्या लोकधुनों की मधुरता बिखेरेंगी, जबकि मेरठ के पवन धानक अपनी शहनाई की धुन से वातावरण को मंत्रमुग्ध कर देंगे।

दूसरा दिन : सूफी और रसिया की जुगलबंदी

26 सितंबर को सूफी और ब्रज संस्कृति के नाम मंच होगा। रीवा की गायिका प्रतिभा सिंह बघेल अपने सूफी गायन से समां बांधेंगी, वहीं मथुरा के मुरारी लाल शर्मा चरकुला नृत्य के जरिए ब्रज की अनूठी परंपरा दिखाएंगे। गजेन्द्र सिंह रसिया गायन से श्रोताओं को बांधेंगे और नोएडा की नीलाक्षी राय सूफी नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी।

तीसरा दिन : अवधी लोकगायन और थारू नृत्य का आकर्षण

27 सितंबर की शाम लखनऊ की पद्मश्री मालिनी अवस्थी के अवधी लोकगायन से सराबोर होगी। साथ ही महाराजगंज के अमित अंजन लोक गायन प्रस्तुत करेंगे। अयोध्या की संगम लता बधावा नृत्य से दर्शकों को लुभाएंगी, जबकि पीलीभीत की रिंकू देवी थारू नृत्य के जरिए आदिवासी परंपरा का जादू बिखेरेंगी।

चौथा दिन : बुंदेली और राई-सैरा की झलक

28 सितंबर को मंच पर बुंदेलखंड और उसकी सांस्कृतिक धरोहर आएंगे। बस्ती के ब्रजेश शाण्डिल्य भजन गायन से भक्तिभाव का माहौल बनाएंगे। अंबेडकरनगर की मानसी सिंह रघुवंशी लोकगायन करेंगी। ललितपुर के जितेन्द्र कुमार बुंदेली गायन से मन मोह लेंगे और मोहिनी राई-सैरा लोकनृत्य प्रस्तुत करेंगी।

पांचवा दिन : सुगम संगीत और कबीर गायन का समापन

29 सितंबर की अंतिम शाम को आधुनिक और आध्यात्मिक संगीत का संगम देखने को मिलेगा। लखनऊ की लोकप्रिय जोड़ी सचेत-परम्परा सुगम संगीत से समां बांधेंगे। सोनभद्र के संतोष मादल सिंहा नृत्य से लोकजीवन की ऊर्जा दिखाएंगे। प्रयागराज के जलज श्रीवास्तव कबीर गायन से संत परंपरा को जीवंत करेंगे और नोएडा की अनुराधा शर्मा कथक नृत्य से कार्यक्रम का भव्य समापन करेंगी।

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