अनंत सूत्र की 14 गांठें, 14 लोकों की प्रतीक
अनंत चतुर्दशी पर्व भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। उनके सेवक शेषनाग का नाम अनंत है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा की जाती है। पूजा के लिए एक खास धागा, जिसे अनंत सूत्र कहते हैं, प्रयोग किया जाता है। ये धागा चौदह गांठों वाला होता है, जो भगवान विष्णु के चौदह लोकों का प्रतीक है।
14 लोक हैं - भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल लोक। अनंत सूत्र को पुरुष अपने दाएं और महिलाएं बाएं हाथ की कलाई पर बांधती हैं। मान्यता है कि इस रक्षा सूत्र को बांधने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
(सप्ताह के व्रत और त्योहार)
3 सितंबर, बुधवार – पार्श्व एकादशी
4 सितंबर, गुरुवार – वामन जयंती, शुक्र प्रदोष व्रत
5 सितम्बर, शुक्रवार - गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी पर्व
1.jpg)
6 सितम्बर, शनिवार - भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, चंद्र ग्रहण
1.jpg)
7 सिंतबर, रविवार- प्रतिपदा श्राद्ध
7 सितम्बर 2025 - रविवार - पितृ पक्ष आरंभ, प्रातिपदा श्राद्ध
ये भी पढ़े : !! धर्म का मर्म!!
