Bareilly : उफनाई नदियों ने शुरू की तबाही, किसानों की फसलें नदी में समाईं

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। रामगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। किच्छा, देवहा समेत नदियां उफान पर है। खेतों का तेजी से कटान जारी है। बहेड़ी, मीरगंज, नवाबगंज और फरीदपुर तहसील के सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ फसल नदी में समा चुकी है। गांवों में भी पानी भरना शुरू हो चुका है। प्रशासन की तरफ से गांवों में संपर्क कर लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा जा रहा है। रामगंगा ने भी 160 मीटर का स्तर पार करने का बाद तांडव शुरू कर दिया है। बाढ़ चौकियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

शेरगढ़ में किच्छा नदी में जल स्तर बढ़ने से भू-कटान शुरू होने पर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच आई हैं। किसानों की सैकड़ो बीघा गन्ना की फसल नदी में समा चुकी है। तहसीलदारभानु प्रताप सिंह ने मंगलवार को लेखपाल शुभम राजपूत के साथ गांव पनबड़िया, कस्बापुर और नगरिया कलां गांवों का दौरा किया। किच्छा नदी के तटवर्ती गांवों के लोगों से सतर्कता बरतने को कहा। 

किच्छा नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव नगरिया कलां, कबरा किशनपुर, बैरमनगर, रजपुरा, कमालपुर, लखीमपुर, मोहम्मदपुर, कस्बापुर, धर्मपुरा आदि समेत गांवों के लोग खासे चिंतित हैं। नगरिया कलां के रंगीन कुमार, नरायन दास, बाबूराम गंगवार, मिढ़ई लाल गंगवार, मोहनलाल गंगवार, रघुवर दयाल आदि किसानों का कहना है कि उनकी सैकड़ों बीघा जमीन नदी में समा चुकी है। वहीं खेतों लगी पापुलर, यूकेलिप्टस, शीशम आदि जैसी कीमती लकड़ी नदी की भेंट चढ़ रही है। फरीदपुर की तरफ रामगंगा का कटान शुरू होने की वजह से सबसे पहले फरीदपुर के गांव प्रभावित होने की आंशका है।

प्रशासन के अलर्ट न करने से हुआ ज्यादा नुकसान
जिन किसानों के खेत किच्छा नदी में बह गए, उनके परिवारों में मातम का माहौल है। शेरगढ़ में ज्यादातर किसानों का आरोप है कि प्रशासन या बाढ़ विभाग की ओर से पहले से कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया कि नदी में अचानक इतना पानी आ जाएगा। वे लोग निश्चिंत थे, इसी कारण ज्यादा नुकसान हो गया। उधर, बाढ़ नियंत्रण विभाग का दावा है कि बाढ़ नियंत्रण के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं।

शाम तक पार हो सकता है, खतरे का निशान
बताया जा रहा है कि रामगंगा नदि के पानी की गति यही रही तो देर रात तक रामगंगा खतरे का निशान पर पहुंच सकती है। इससे शहर के आस-पास भी बाढ़ की संभावना बढ़ सकती है। फिलहाल तीन तहसीलों के करीब 500 गांव पर खतरा मंडरा ही रहा है।

बहेड़ी में भी बाढ़ जैसे हालात, एसडीएम ने किया दौरा
नरायन नगला में किच्छा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। प्रशासन ने ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया है। नदी किनारे बसे गांव हरहरपुर, लक्ष्मी पुर, रजपुरा, नारायण नगला, धमीपुर, इटौआधुरा आदि गांव में दहशत का माहौल है। मंगलवार को एसडीएम बहेड़ी रत्निका श्रीवास्तव ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नदी से सटे गांवों का निरीक्षण किया। इस दौरा ग्रामीणों को नदी के पास न जाने की हिदायत दी। प्रशासन ने लोगों से अपील की वे सावधानी बरतें और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें।

 

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