राजस्व मामलों के निस्तारण में लखनऊ अव्वल! न्यायालयों से जुड़े मामलों के निस्तारण में जौनपुर रहा सबसे आगे

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) द्वारा अगस्त माह की जारी रिपोर्ट में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में मामलों को निस्तारित किया गया है, जबकि जिला स्तरीय न्यायालय में राजस्व के मामले निपटाने में एक बार फिर जौनपुर ने बाजी मारी है।

प्रदेश में राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनीटरिंग से बड़ा सुधार देखने को मिला है। जिला स्तरीय न्यायालयों में राजस्व वादों के निस्तारण में पिछले 10 माह से जौनपुर टॉप फाइल जिलों में बना हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि राजस्व विवादों के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए। राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस की अगस्त माह की रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में कुल 3,69,293 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया। लखनऊ जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने बताया कि राज्य में सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में 19,178 मामले निस्तारित किए गए।

इसके बाद दूसरे स्थान पर प्रयागराज में कुल 10,693 मामले, तीसरे स्थान पर गोरखपुर में 9,560 मामले और चौथे स्थान पर जौनपुर ने 8,779 मामले निस्तारित कर चौथा और बाराबंकी ने 8,615 मामलों का निस्तारण कर पांचवां स्थान प्राप्त किया है।

जौनपुर के डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। जिला न्यायालय में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। दूसरे स्थान पर लखीमपुर खीरी और तीसरे स्थान पर आजमगढ़ है। 

भू राजस्व संबंधित मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर अव्वल है। इसी तरह अगस्त में मऊ के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 91 मामलों का निस्तारण कर 303.33 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे अधिक है।

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