विश्व का मेंथॉल मिंट हब बना यूपी, CSIR-CIMAP लखनऊ द्वारा विकसित की 12 किस्में होंगी निर्यात
लखनऊ, अमृत विचार: सीएसआईआर-सीमैप (केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान, लखनऊ) ने मेंथाल मिंट (पुदीना परिवार का पौधा) की 12 किस्मों का विकास किया है। जिससे देश के खासकर उत्तर प्रदेश के किसान नई तकनीक से खेती कर मालामाल होंगे। साथ ही अब मेंथाल मिंट को विदेशों में निर्यात किया जा सकेगा।
कभी देश मेंथाल मिंट का आयात विदेशों से करता था लेकिन अब इसकी खेती और निर्यात में न केवल आत्मनिर्भर हो चुका है बल्कि विश्व पहले नंबर का उत्पादक और निर्यातक बन गया है। कुल वैश्विक उत्पादन का 80-85 प्रतिशत हिस्सा अकेले भारत में उत्पादन होने लगा है। करीब 40,000 टन मिंट ऑयल और इससे जुड़े उत्पादों का सालाना निर्यात होने लगा है।
इस मेंथाल मिंट की क्रांति के पीछे सीएसआईआर-सीमैप की तीन दशक से चली आ रही वैज्ञानिक शोध और तकनीकी सहयोग की अहम भूमिका रही है। आधुनिक और उन्नत किस्मों की मदद से किसान अब मेंथा की खेती को जायद (रबी और खरीफ सीजन के बीच) के मौसम में बोनस फसल के रूप में उगाने लगे हैं। इससे उन्हें अपनी मुख्य अनाज फसलों से अधिक आमदनी हो रही है। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. मनोज सेमवाल के अनुसार मेंटहॉल मिंट और उससे जुड़े उत्पाद भारतीय अर्थव्यवस्था में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दे रहे हैं।
मेंथाल मिंट की 12 किस्मों के नाम
एमएस-1, हाईब्रीड-77 (कालका), गोमती, हिमालय, कोसी, सक्षम, कुशल, संभव, डमरु, सरयू, सीआईएम-क्रांति, सीआईएम-उन्नति हैं।
इन किस्मों की विशेषताएं
इन किस्मों की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह उच्च तेल उपज, कम अवधि में तैयार होते हैं। क्षेत्रीय भौगोलिक रुप से अनुकूल खेती है। किसानों की आय को कई गुना बढ़ा रही हैं। उत्तर प्रदेश में देश का 75 प्रतिशत मेंथा की खेती होती है। जिसके लिए सर्वाधिक किसान बाराबंकी, गोंडा, अयोध्या आदि में सीएसआईआर-सीमैप की प्रशिक्षण के बाद इस खेती को कर रहे हैं।
क्या है मेंथाल
मेंथॉल एक प्राकृतिक यौगिक है जो पुदीने परिवार के पौधों जैसे पेपरमिंट और कॉर्नमिंट में पाया जाता है। यह एक सफेद या पारदर्शी मोमी क्रिस्टलीय पदार्थ होता है, जो अपनी तीव्र पुदीना जैसी ठंडीगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है। इसका उपयोग औषधीय रूप से विभिन्न मलहम, खांसी की गोलियों और नाक के इनहेलर में किया जाता है। इसमें स्थानीय संवेदनाहारी और जलनरोधी गुण होते हैं, त्वचा पर लगाने पर ठंडक का एहसास देता है।
