एक पट्टी से रुकेगा खून, नहीं हटानी होगी हड्डी, IIT कानपुर की प्रदर्शनी में दिखे नए अविष्कार

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

कानपुर,अमृत विचार। आईआईटी कानपुर में ‘समन्वय’ के दौरान स्टार्टअप भी प्रदर्शित किए गए। इन स्टार्टअप को चिकित्सा से जुड़े स्टार्टअप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व स्वदेशी तकनीक के माध्यम से बाजार में मिलने वाले उत्पादों से सस्ता किया गया। उधर प्रदर्शित उत्पादों में सेना के वीर जवानों के घायल होने पर अधिक मात्रा में बहने वाले खून को रोकने के चिकित्सीय उपाय भी प्रदर्शित किए गए। प्रदर्शित होने वाले उत्पादों में पर्यावरण की सुरक्षा को भी ध्यान देने वाले उत्पादों की श्रृंखला रही। इनमें खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से कम संशाधनो से अधिक बेहतर परिणामों के उपाय खोजे गए। 

कानपुर आईआईटी नया बनाया फोटो

एआई से कम होगा प्रदूषण

एआई की सहायता से अब शहरों में लगने वाले एयर क्वालिटी डिसीजन सपोर्ट सिस्टम से और भी सटीक जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी। सिस्टम के बारे में प्रो साइंटिस्ट डॉ. मुकेश बुडानिया ने बताया कि सरकार की ओर से प्रोजेकट अमृत के तहत पूरे प्रदेश में प्रदूषण का आंकलन करने के लिए 826 सेंसर लगे हैं। यह सेंसर प्रदूषण सहित अन्य दिक्कतों पर अधिकारियों को सूचना देती है। अब एआई की सहयता से इसे अपडेट किया गया है। एआई की सहायता से सेंसर अब और भी सटीक जानिारियों देने के साथ ही उनेक तुरंत निदान के बारे में भी बताएगा।  

तुरंत रुकेगा रक्तस्त्राव, जुड़ेगी हड्डी

प्रदर्शनी के दौरान आईआईटी कानपुर की टीम की ओर से बनाए गए चिकित्सीय उपायों को भी प्रदर्शित किया गया। इनमें फ्राइयो हीमोक्लोट तेज रक्तस्राव को रोकने में सहयता करेगा। टीम के सदस्य उबैद ने बताया कि उन लोगों की बनाई गई पट्टी तेज रक्तस्राव को एक मिनट के भीतर रोकने में सक्षम है। यह खासतौर पर सेना के जवानों को ध्यान रखकर बनाया गया है। सामाजिक रूप से इस पट्टी का उपयोग दुर्घटना में घायल लोगों पर भी करगर है। इसी तरह इस टीम के एक अन्य उपकरण नैनो सीमेंट के जरिए बुरी तरह से टूट चुकी हड्डी को जोड़ने के लिए बनाया गया है। हड्डियों के लिए बने उपकरण के बाद टूटी हुई हड्डी की जगह प्लेट लगाए जाने का विकल्प खत्म हो गया है।

बोलने की समस्या होगी दूर

ऐसे मरीज जिन्हें मस्तिष्क विकार व जबड़े की दिक्कतों की वजह से बोलने की समस्या होती है उनकी समस्या का निदान अब एक मास्क दूर करेगा। एआई सेंसर की सहायता से ऑपरेट होने वाला यह मास्क मस्तिष्क के दिए गए संकेतों के आधार पर मरीजों को बोलने में सहायता करेगा। टीम की सदस्य सुनीता मेहता ने बताया कि मास्क प्रयोग चल रहा है जल्द ही यह आम लोगों की पहुंच में होगा। फिलहाल मास्क का प्रयोग पीजीआई चंडीगढ़ में मरीजों पर चल रहा है।  

उपकरण का रेट हुआ कम

ऐसे मरीज जिनकी ह्दय की गति कम है उनके लिए भी युवाओं ने स्टार्टअप के जरिए सहूलियत प्रदान करने का प्रयास किया है। ह्दययंत्र नाम के उपकरण स्वदेशी बनाकर युवाओं ने बाजार में बिकने वाले विदेशी उपकरण के मुकाबले 80 फीसदी तक रेट को कम किया है। टीम के सदस्य अभिषेक कुमार ने बताया कि स्वदेशी तकनीक की वजह से उपकरण की कीमत में कमी आई है। उपकरण को ऑपरेशन के जरिए मरीज के भीतर लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस उपकरण का प्रयोग भेड़ों पर किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें : Delhi Flood: दिल्ली हुई पानी-पानी, उफान पर यमुना, सचिवालय समेत कई प्रमुख इलाके भी बाढ़ की जद में

संबंधित समाचार

टॉप न्यूज

अमेठी में अन्त्येष्टि स्थल के सामने मिला खून से लथपथ अधेड़ का शव, नहीं हो सकी शिनाख्त, जांच में जुटी पुलिस
यूपी के युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने का लक्ष्य अधूरा, तीन लाख नौकरियां दिलवाने को प्रयासरत सेवा योजना विभाग
UP News: एफआरए खरीद के नियम बदले, प्रीमियम भी शामिल, आवास विकास के प्रमुख सचिव ने जारी किया शासनादेश
UP News: खरमास बाद योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल! भूपेंद्र सिंह चौधरी बन सकते मंत्री, नए साल में भाजपा को मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष
UP News: गोवंश चारे के बजट में हेराफेरी पर होगी FIR, चारे के लिए किसानों से एमओयू कर सीधी खरीद की अनुमति