दीपोत्सव 2025: लक्ष्मण किला घाट पहली बार बना दीपोत्सव के आकर्षण का केंद्र, बनेगा नया विश्व रिकॉर्ड

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Published By Anjali Singh
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अयोध्या, अमृत विचार: रामनगरी में इस बार नौवां दीपोत्सव सबसे भव्य और ऐतिहासिक बनने जा रहा है। सरयू तट के 56 घाटों पर लगभग 26 लाख दीपों के प्रज्ज्वलन के लिए 28 लाख दिए बिछाए जाएंगे, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा। इस वर्ष आयोजन की विशेषता यह है कि पहली बार लक्ष्मण किला घाट को दीपोत्सव में शामिल किया गया है।

लक्ष्मण किला घाट पर पहली बार सवा चार लाख दीप प्रज्ज्वलित होंगे। राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह घाट पर करीब साढ़े चार लाख दीप जलाए जाएंगे। भजन संध्या घाट पर साढ़े पांच लाख दीपों की रोशनी से सरयू तट अलौकिक चमक में नहाएगा। मुख्य आकर्षण राम की पैड़ी रहेगी, जहां 15 से 16 लाख दीपों की अविरल ज्योति से पूरा घाट जगमगा उठेगा।

नौवें दीपोत्सव में कुल 33 लाख दीपों की व्यवस्था की गई है। 75 हजार लीटर तेल की जरूरत होगी। 55 लाख रुई बत्तियाँ तैयार की जा रही हैं। 30 हजार स्वयंसेवकों को टोपी व टीशर्ट वितरित होंगी। 28 लाख दीप बिछाकर नया विश्व रिकॉर्ड रचा जाएगा। डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र के निर्देशन में 22 समितियाँ गठित की हैं, जो दीपोत्सव के प्रत्येक पहलू की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि सभी निर्माण कार्य यूपीपीसीएल के माध्यम से कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा इन परियोजनाओं ने अयोध्या को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

राम की पैड़ी की दर्शक दीर्घा पर एक साथ बैठ सकेंगे 20 हजार श्रद्धालु

दीपोत्सव जैसे विश्व प्रसिद्ध आयोजन में दर्शकों के लिए अब राम की पैड़ी पर बैठना पहले से कहीं अधिक आरामदायक और आकर्षक होगा। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2324.55 लाख रुपये की लागत से यहां लगभग 350 मीटर लंबी सीढ़ियों और दर्शक दीर्घा का निर्माण कराया है, जिसमें 18,000 से 20,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। यहां बनाया गया सेल्फी पॉइंट, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की पत्थर की भव्य मूर्तियां हैं, श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन चुका है।

आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, बाउंड्री वॉल और अन्य पर्यटन सुविधाओं ने इसे विश्वस्तरीय रूप प्रदान किया है। 2367.61 लाख रुपये की नई परियोजना से राम की पैड़ी और भी भव्य स्वरूप में नजर आएगी। यहां आठ छोटे एम्फीथिएटर बनाए जा रहे हैं, जो दर्शकों को बैठने की सुविधा देंगे। साथ ही छह पत्थर की छतरियाँ, आठ भव्य दीपक और सात मीटर ऊंचे पत्थर के स्तंभ इस घाट की शोभा बढ़ाएंगे।

सरयू घाट भक्तिभाव और पर्यटन का केंद्र

अयोध्या की जीवनरेखा कही जाने वाली सरयू नदी के तट को भी नया रूप दिया जा रहा है। लगभग 2.5 किलोमीटर लंबाई में फैले घाटों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर 2346.11 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। परियोजना में 32 पत्थर की छतरियाँ, 11 विशाल स्तंभ, चार पूजा स्थल, दो गौ-पूजा स्थल, 15 दिशा सूचक, 60 इंटरप्रिटेशन वॉल और एक वीआईपी पवेलियन बनाए जा रहे हैं। आधुनिक रोशनी और स्वच्छ घाट व्यवस्था के साथ यह क्षेत्र अब आध्यात्मिक पर्यटन का नया गंतव्य बनेगा। सरयू आरती का दृश्य अब और भी मनमोहक और भव्य होगा। यूपीपीसीएल के परियोजना प्रबंधक मनोज शर्मा ने कहा हमारा प्रयास है कि सभी परियोजनाएं निर्धारित समय से पहले और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरी हों।

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