UP News: फर्जी दस्तावेज पर पंजीकरण, 19.5 करोड़ की टैक्स चोरी, राज्यकर के अधिकारियों ने सात कंपनियों के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट

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Published By Muskan Dixit
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छह फर्मों का नहीं मिला अस्तित्व, बिजली बिल और एग्रीमेंट भी फर्जी

लखनऊ, अमृत विचार: राज्यकर विभाग के अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज पर ऑन लाइन फर्म का पंजीकरण कराने के बाद 19.5 करोड़ की आईटीसी हासिल करने और सरकार को चूना लगाने का प्रयास किया। इस मामले में राज्यकर सहायक आयुक्त और उपायुक्त ने कृष्णानगर में एक और तालकटोरा छह मामले दर्ज कराये। पुलिस मामले की जांच कर रही है। राज्य कर विभाग की जांच में फर्जी जीएसटी पंजीकरण और 19.5 करोड़ से अधिक के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हड़पने का मामला सामने आया है। 

गोपनीय जांच में, मेसर्स जीएस एंटरप्राइजेज, राम एंटरप्राइज, आरके एंटरप्राइजेज, संतोष ट्रेडिंग, विजय एंटरप्राइज और शिंदे एंटरप्राइज समेत सभी छह फर्में अपने घोषित व्यापार स्थलों पर अस्तित्वहीन पाई गईं। जांच में सामने आया कि इनके जीएसटी पंजीकरण के लिए इस्तेमाल किए गए पते, लीज एग्रीमेंट और बिजली के बिल जैसे दस्तावेज जाली और कूटरचित थे। इन फर्जी फर्मों ने बिना किसी वास्तविक खरीद-बिक्री के, केवल कागजी लेन-देन दिखाकर करोड़ों रुपये का अवैध आईटीसी दूसरी फर्मों को पास-ऑन किया। सबसे बड़ी राशि मेसर्स जीएस एंटरप्राइजेज द्वारा पास-ऑन की गई, जो 9.54 करोड़ है। 

इसके अलावा, मेसर्स विजय एंटरप्राइज पर 3.16 करोड़ और मेसर्स शिंदे एंटरप्राइज पर 2.49 करोड़, संतोष ट्रेडिंग ने 1.77 करोड़ के अवैध आईटीसी क्लेम का आरोप है। इस मामले में उपायुक्त प्रकाश चन्द्र चौरसिया और सहायक आयुक्त शिवेन्द्र जायसवाल व डॉ. संजय सिंह ने फर्म मालिकों गुरमीत सिंह, विश्वजीत धर्मेंद्र सोनवणे, रमन कुमार, संतोष रमेश कुवरिया, अभिषेक विजय नरोटे और अनिल तुकाराम शिंदे के खिलाफ कृष्णानगर और तालकटोरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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