Bareilly: मंडल में डालमिया ग्रुप की दूसरी चीनी मिल खोलने की तैयारी
बरेली, अमृत विचार। बरेली मंडल में डालमिया ग्रुप की दूसरी चीनी मिल स्थापित करने की प्रक्रिया ने तेजी पकड़ी है। आंवला के इस्माइलपुर गांव में मिल के लिए 99 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। इसके साथ ही 75 प्रतिशत किसानों से जमीन खरीद की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मिल प्रशासन ने सभी आवश्यक दस्तावेज जिला प्रशासन को भेज दिए गए हैं।
शेष 25 फीसदी किसानों से भी इसी वित्तीय वर्ष में जमीन की खरीद पूरी होने का दावा किया जा रहा है। डीसीओ दिलीप सैनी ने बताया कि नई चीनी मिल के लिए साल 2022 में ही सभी कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। मिल प्रशासन ने किसानों को अनुबंधों के तहत भुगतान के तरीकों और शर्तों की जानकारी भी दे दी है।
मंडल में अभी डालमिया ग्रुप की चीनी मिल शाहजहांपुर के निगोही में है। जो बड़े पैमाने पर बी हैवी शीरा और एथेनॉल का उत्पादन कर रही है। भुगतान के मामले में इस मिल का प्रदेश स्तर पर रिकार्ड अच्छा रहा है। अब आंवला में नई चीनी मिल खुलने पर किसानों में मिल के निर्माण को लेकर उत्साह और भरोसा दोनों बढ़ा है। मिल के संचालन में स्थानीय मजदूरों और कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। डालमिया ग्रुप के कंसलटेंट मुकेश बताते हैं कि 75 फीसदी किसान जमीन दे चुके हैं।
वहीं, कई किसान ऐसे हैं जिनका सहारा ही उनकी जमीन है। कवायद चल रही कि ऐसे किसानों की जमीन सर्किट रेट से अधिक दाम पर लेकर दूसरे जगह पर उन्हें जमीन दिलाई जाए। इसके लिए कई किसान राजी भी हो गए हैं, मगर कई किसानों की जमीन के बैनामे के दौरान दस्तावेजों में नाम आदि मिसमैच होने से समस्या आ रही है। एक-एक बैनामा कराने में दस से पंद्रह दिन का समय लग जा रहा है। इस कारण जमीन खरीद प्रक्रिया में विलंब हो रहा है।
चीनी मिल से जुड़ेंगे 55 हजार किसान
आंवला तहसील में करीब 55 हजार किसान 850 हेक्टेयर में गन्ना की खेती करते हैं। इस चीनी मिल से किसानों को फायदा यह होगा कि उन्हें गन्ना लेकर दूर दराज की मिलों पर नहीं जाना पड़ेगा। डीसीओ के मुताबिक कमिश्नर से करीब दो साल में यह मिल पेराई शुरू कर देगी। मिल चलने पर गन्ने का रकबा बढ़ेगा और किसानों को समय से पर्ची मिलेंगी। डीसीओ का कहना है कि नई मिल खुलने से न केवल क्षेत्र में गन्ना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य और स्थिर आय के अवसर भी मिल जाएंगे।
दो लाख क्विंटल गन्ने की हो रही आपूर्ति
जिले में करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है। इसके साथ ही जनपद की पांचों चीनी मिलों को किसान करीब दो लाख क्विंटल गन्ने की आपूर्ति करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में गन्ने के रकबे में चार से पांच हजार हेक्टेयर तक की बढ़ोत्तरी हुई है। चीनी मिलों ने भी पेराई क्षमता में वृद्धि की है। ऐसे में आंवला क्षेत्र में लगने वाली चीनी मिल भी बड़ी पेराई क्षमता के साथ खुलेगी। इसके लिए मिल गन्ना विभाग से रकबा भी मांगेगी।
