Magh Mela 2026: माघ मेला में पहली बार होगा 'स्कैन टू फिक्स' तकनीक का इस्तेमाल
लखनऊ/प्रयागराज। संगम तट पर 3 जनवरी से शुरू होने वाले आस्था के महापर्व माघ मेला 2026 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 800 हेक्टेयर में फैले मेला क्षेत्र में निर्बाध, सुरक्षित और स्मार्ट विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली विभाग इस बार कई नवाचारों के साथ मैदान में उतरा है। पहली बार माघ मेले में 'स्कैन टू फिक्स' जैसी हाईटेक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे बिजली से जुड़ी किसी भी समस्या का त्वरित समाधान संभव होगा। 44 दिनों तक चलने वाले माघ मेले में संगम की रेत पर बसने वाले अस्थायी तंबुओं के शहर को 24×7 रोशन रखने के लिए बिजली विभाग ने व्यापक इंतजाम किए हैं।
विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता (माघ मेला) अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि इस वर्ष मेला क्षेत्र में 350 किलोमीटर लंबी एलटी लाइन बिछाई जानी है, जिसमें से लगभग 320 किलोमीटर का कार्य पूरा हो चुका है। मेले में करीब 7.5 लाख अस्थायी विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को निर्बाध बिजली मिलती रहे। 'स्कैन टू फिक्स' तकनीक के तहत मेला क्षेत्र में पहली बार 15 हजार से अधिक बिजली के पोल्स, लाइनों और कनेक्शनों पर क्यूआर/बार कोड लगाए जा रहे हैं। इन कोड को स्कैन करते ही बिजली कर्मियों को संबंधित लोकेशन और समस्या की पूरी जानकारी कंट्रोल रूम में मिल जाएगी, जिससे रिकॉर्ड समय में समाधान किया जा सकेगा। इस तकनीक का लाभ श्रद्धालुओं को भी मिलेगा।
क्यूआर कोड स्कैन कर गूगल फॉर्म के माध्यम से न केवल बिजली, बल्कि पानी की कमी, टूटी सड़क या अन्य मूलभूत समस्याओं की शिकायत भी दर्ज कराई जा सकेगी। इसके अलावा, लोकेशन पहचान आसान होने से रास्ता भटकने की स्थिति में भी यह व्यवस्था सहायक सिद्ध होगी। बिजली आपूर्ति को और मजबूत बनाने के लिए इस बार मेला क्षेत्र में 5 रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) लगाई जा रही हैं, जबकि पिछले माघ मेले में केवल एक आरएमयू थी। इसके चलते किसी फॉल्ट की स्थिति में मात्र 10 सेकंड के भीतर बिजली आपूर्ति बहाल हो सकेगी।
माघ मेला 2026 के लिए विद्युत व्यवस्था पर 32 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो पिछले मेले से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। मेला क्षेत्र में 47 किलोमीटर एचटी और 350 किलोमीटर एलटी लाइनें, 25 बड़े और 35 छोटे सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिनमें तीन-लेयर पावर बैकअप सिस्टम रहेगा। पूरे मेला क्षेत्र को रोशन करने के लिए 25 हजार से अधिक एलईडी लाइट्स लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही संगम के सभी प्रमुख स्नान घाटों और चौराहों पर हाइब्रिड सोलर लाइट्स लगेंगी, जिससे पर्यावरण के अनुकूल 24×7 रोशनी सुनिश्चित होगी। आपात स्थिति से निपटने के लिए डीजी सेट की भी व्यवस्था की गई है।
