Bareilly: सरकारी विभाग भी उपखनिजों का कर रहे अवैध परिवहन, 23.64 करोड़ हड़पे

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
On

राकेश शर्मा, बरेली। बिना जरूरी दस्तावेजों (ई-एमएम-11 व परमिट) के उपखनिजों में रेत, गिट्टी, मोरम आदि का अवैध परिवहन कारोबारी ही नहीं बल्कि सरकारी विभाग भी सालों से करते आ रहे हैं। ऊंची-ऊंची सरकारी बिल्डिंगें बना दीं, लेकिन उपखनिज परिवहन का शुल्क कई सालों से जमा नहीं किया। हाल ही में बिना अभिवहन प्रपत्रों से उपखनिजों को ढाने वाले सरकारी कार्यदायी संस्थाओं का (सरकारी विभाग) बड़ा खेल सामने आया।

यूपी माइंस के पोर्टल से मिली रिपोर्ट में करीब 23.64 करोड़ से ज्यादा की धनराशि जमा न करने का खेल सामने आया है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने लोनिवि, बीडीए, मंडी परिषद, सिंचाई विभाग, सेतु निगम, यूपी सिडको, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों को सात दिन में धनराशि जमा करने के निर्देश दिए हैं। कुछ दिन पहले भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के निदेशक ने बिना अभिवहन प्रपत्र/अपात्र अभिवहन प्रपत्रों से किए गए उपखनिजों के परिवहन के संबंध में सरकारी कार्यदायी संस्थाओं पर वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2024-25 और 2025 में अप्रैल से अक्टूबर तक की धनराशि की रिपोर्ट प्रशासन को भेजी थी।

उसी रिपोर्ट पर डीएम अविनाश सिंह ने हाल ही में सरकारी कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुख अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट के सभागार में विस्तृत समीक्षा बैठक की थी। डीएम ने अधिकारियों को बताया कि यूपी माइंस डॉट यूपीएसडीसी डॉट जीओबी डॉट इन पोर्टल से प्राप्त विवरण के अनुसार जो भी उपखनिज परिवहन का शुल्क अवशेष है, सात दिन में जमा कराएं। वहीं, डीएम की बैठक के जारी हुए मिनट्स में बताया है कि लोनिवि के अधिकारियों, सिंचाई विभाग के अभियंता एनके लॉबा, मंडी परिषद के कैशियर अनुज श्रीवास्तव, यूपी सिडको के सहायक लेखाकार इब्राहिम रजा, राज्य सेतु निगम के सहायक अभियंता दिनेश कुमार ने सात दिन में अवशेष धनराशि जमा करने का भरोसा दिया।

समीक्षा बैठक के मिनट्स के अनुसार यूपी माइंस के पोर्टल से मिली रिपोर्ट में बताया गया कि लोक निर्माण विभाग ने 2020-21 से अभी तक करीब 135705541 रुपये की धनराशि जमा नहीं की है। समीक्षा में लोनिवि के अफसरों ने बताया कि अवशेष धनराशि का विभागवार अलग-अलग विवरण तैयार कर जल्दी ही जमा करा दिया जाएगा। मंडी परिषद ने करीब 24548339 रुपये की धनराशि जमा नहीं की है। मंडी के कैशियर ने 1869180 रुपये जमा करने के संबंध में चालान भी बैठक में दिखाए थे।

सिंचाई विभाग ने 11734168 रुपये, यूपी सिडको ने करीब 5552099 रुपये, राज्य सेतु निगम ने करीब 1373476 रुपये की धनराशि जमा नहीं की है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने 4035750 रुपये और बीडीए ने करीब 53673022 रुपये की धनराशि जमा नहीं की है। हालांकि बीडीए के सहायक अभियंता अजय कुमार यादव ने समीक्षा बैठक में 40 लाख रुपये जमा करने की बात डीएम से कही थी।

संबंधित समाचार