जूही चावला की याचिका पर सुनवाई के दौरान शख्स गाने लगा गाना, ‘लाल लाल होठों पे गोरी किसका नाम है’
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय में अभिनेत्री एवं पर्यावरणविद् जूही चावला की 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उस समय रूकावट पैदा हो गई, जब एक व्यक्ति ने चावला की पुरानी फिल्मों के गाने गाए। ऑनलाइन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश के निर्देश पर इस शख्स को हटाए जाने …
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय में अभिनेत्री एवं पर्यावरणविद् जूही चावला की 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उस समय रूकावट पैदा हो गई, जब एक व्यक्ति ने चावला की पुरानी फिल्मों के गाने गाए। ऑनलाइन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश के निर्देश पर इस शख्स को हटाए जाने के बाावजूद वह दोबारा शामिल होकर बीच-बीच में जूही चावला की फिल्मों के गीत गाने लगा।
अभिनेत्री जूही चावला भी दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान जुड़ी रहीं। अलग-अलग नामों से सुनवाई में शामिल होने वाले व्यक्ति ने सबसे पहले चावला की मशहूर फिल्म ”हम हैं राही प्यार के” का ”घूंघट की आड़ में दिलबर का दीदार अधूरा रहता है” गीत गाया, जिसके बाद उसे सुनवाई से हटा दिया गया।
इसके बाद फिर से यह व्यक्ति सुनवाई में जुड़ गया और उनकी एक और फिल्म ”नाजायज” का ”लाल लाल होठों पे गोरी किसका नाम है…जूही चावला” गाने लगा। दोबारा हटाए जाने पर एक बार फिर व्यक्ति ने ”मेरी बन्नो की आएगी बारात, के ढोल बजाओ जी” गाया। अंत में व्यक्ति ने कहा, ”जूही मैम कहां हैं, मैं उन्हें नहीं देख पा रहा।” इस पर न्यायाधीश ने इस व्यक्ति की आवाज को बंद करने का निर्देश दिया।
जूही चावला ने मंगलवार शाम को स्वयं ही ट्विटर पर अदालत की सुनवाई में शामिल होने के लिए लिंक साझा किया था। न्यायमूर्ति जे आर मिढ़ा ने कोर्ट मास्टर को कार्यवाही रोकने को कहा और दिल्ली पुलिस से संपर्क कर इस व्यक्ति का पता लगाने के निर्देश दिए ताकि उसे इस हरकत के लिए नोटिस जारी किया जा सके।
उच्च न्यायालय ने चावला के 5जी मुद्दा अदालत में उठाने पर सवाल किये
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री एवं पर्यावरणविद् जूही चावला के सरकार को प्रतिवेदन दिये बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर बुधवार को सवाल उठाये। उच्च न्यायालय ने तकनीक से संबंधित अपनी चिंताओं के संबंध में सरकार को कोई प्रतिवेदन दिये बगैर, देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ जूही चावला के सीधे मुकदमा दायर करने पर सवाल उठाया।
न्यायमूर्ति जे आर मिढ़ा ने कहा कि वादी जूही चावला और दो अन्य लोगों को पहले अपने अधिकारों के लिए सरकार से संपर्क करने की आवश्यकता थी और यदि वहां इनकार किया जाता, तब उन्हें अदालत में आना चाहिए। अदालत ने विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वाद पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिका में दावा किया गया है कि इन 5जी वायरलेस प्रौद्योगिकी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है।
जूही चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर कर कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रतिकूल प्रभाव से नहीं बच सकेगा।
