बरेली: चहेते ठेकेदारों को बचाने की कोशिश, मुख्य अभियंता के साथ मेयर के साथ गुफ्तगू

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बरेली, अमृत विचार। सड़कों के निर्माण में घोटालों के सामने आने और मेयर के इस सभी मामलों को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद नगर निगम के अफसर चहेते ठेकेदारों को बचाने में जुट गए हैं। पिछले दो साल के दौरान बनवाई गईं तमाम सड़कों के उधड़ने और खस्ताहाल हो जाने को लेकर कई …

बरेली, अमृत विचार। सड़कों के निर्माण में घोटालों के सामने आने और मेयर के इस सभी मामलों को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद नगर निगम के अफसर चहेते ठेकेदारों को बचाने में जुट गए हैं। पिछले दो साल के दौरान बनवाई गईं तमाम सड़कों के उधड़ने और खस्ताहाल हो जाने को लेकर कई करोड़ के कामों में गोलमाल होने की संभावना के बीच मेयर ने यह सभी प्रकरण मुख्यमंत्री को भेजने की चेतावनी दी थी। इसके बाद ही सड़क घोटालों में शामिल ठेकेदार व इंजीनियरों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

सोमवार को नगर निगम में मेयर के पहुंचते ही उनके दफ्तर में ठेकेदार और इंजीनियरों का जमावड़ा लग गया और पूरे मामलों को सुझलाने की कोशिश शुरू हो गई हैं। जबकि मेयर का कहना है कि सड़कों के घटिया निर्माण कराने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।

वर्ष 2020 और 2021 में बनी नगर निगम की तमाम सड़कों के उखड़ जाने और उसमें गड्ढे हो जाने की वजह से उनके घटिया निर्माण की सच्चाई सामने आ चुकी है। मेयर उमेश गौतम ने इन सड़कों को निर्माण कराने वाले ठेकेदारों ब्लैक लिस्ट करने के लिए मोर्चा खोल दिया और नगर आयुक्त अभिषेक आनंद व मुख्य अभियंता निर्माण बीके सिंह से ऐसी सड़कों को चिन्हित करने और उसे लेकर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

लेकिन कई बार चिट्ठी जारी होने के बावजूद जब कोई फर्क नहीं पड़ा तो मेयर के ये सभी प्रकरण मुख्यमंत्री को भेजने की चेतावनी देने के बाद से हड़कंप मचा है। मेयर की इस चेतावनी के बाद सोमवार को मेयर के नगर निगम पहुंचते ही उनके कार्यालय में इंजीनियर और ठेकेदार इकट्ठा हो गए। मुख्य अभियंता बीके सिंह के साथ मेयर ने इन मामलों को लेकर लंबी चर्चा की।

एकाएक शिकायत वापस लेने पर कई पार्षदों पर भड़के मेयर
सड़कों की गुणवत्ता खराब होने की पहले तो कुछ पार्षदों ने लिखित में शिकायत मेयर से की। जब मेयर ने मामले को गंभीरता से लिया तो उन्होंने ठेकेदार के साथ समझौता कर लिया। इसके बाद फिर उन पार्षदों ने दोबारा मेयर को चिट्ठी लिखकर सड़कों की मरम्मत का काम अच्छा होने और ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की चिट्ठी तक लिख दी।

सोमवार को अपने दफ्तर में ऐसा करने वाले कई पार्षदों पर मेयर भड़क गए। उनका कहना था कि जिस सड़क की शिकायत हुई, उसमें बस ठेकेदार ने काम शुरू कर दिया तो फौरन शिकायत क्यों वापस ले ली गई। जब तक काम पूरा न हो जाए और यह आश्वस्त न हो जाए कि काम ठीक हुआ है, उससे पहले शिकायत के एकाएक वापस लेने का मतलब तो कुछ और भी है। उन्होंने कहा कि पार्षदगण ऐसा न करें।

ठेकेदारों पर कार्रवाई हर हाल में होगी
मेयर उमेश गौतम ने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता खराब करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई हर हाल में होगी। इस संबंध में मुख्य अभियंता निर्माण व कई और अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। लापरवाह ठेकेदारों से काम नहीं लिया जाएगा। उन्हें हर हाल में ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।

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