नैनीताल: कैबिनेट ने निजी नर्सिंग होम को नियम विरुद्ध दी संचालन की अनुमति तो हाईकोर्ट हुई सख्त
नैनीताल, अमृत विचार। कैबिनेट द्वारा देहरादून में एक निजी नर्सिंग होम को नियम विरुद्ध तरीके से नर्सिंग होम संचालन की दी गई अनुमति का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस …
नैनीताल, अमृत विचार। कैबिनेट द्वारा देहरादून में एक निजी नर्सिंग होम को नियम विरुद्ध तरीके से नर्सिंग होम संचालन की दी गई अनुमति का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।
देहरादून निवासी समाजसेवी अभिनव थापर के द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि राज्य सरकार के द्वारा एक निजी नर्सिंग होम को फायदा दिलाने के लिए नर्सिंग होम एक्ट के विपरीत जाकर उसे नर्सिंग होम संचालन की अनुमति दे दी गई है। नर्सिंग होम खोलने के लिए नर्सिंग होम के आगे 9 मीटर की सड़क होना आवश्यक है, लेकिन कैबिनेट के द्वारा एक निजी व्यक्ति को फायदा दिलाने के लिए 3 मीटर चौड़ी सड़क वाले स्थान पर नर्सिंग होम संचालन की अनुमति दे दी है।
लिहाजा कैबिनेट के उसी फैसले के आधार पर उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों के नर्सिंग होम संचालकों व अन्य लोगों को नर्सिंग होम संचालन की अनुमति दी जाए। हाई कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को नर्सिंग होम एक्ट में सुधार की आवश्यकता है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि उत्तराखंड में बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए राज्य सरकार को वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम के तहत नर्सिंग होम संचालकों को राहत दी जाए। ताकि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान प्रदेश में अस्पतालों में बेडों की कमी न हो और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके। सरकार के कड़े नियमों के चलते उत्तराखंड के कई नर्सिंग होम बंद होने से बच जाएं।
