हरियाली तीज के दिन क्यों होती है माता पार्वती-भगवान शिव की पूजा?, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत विधि

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हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही अधिक खास होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत सावन महीने शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस साल हरियाली तीज का पर्व 11 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के …

हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही अधिक खास होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत सावन महीने शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस साल हरियाली तीज का पर्व 11 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है और भगवान शिव और माता पर्वती की पूजा करती है।

हरियाली तीज 2021 शुभ मुहूर्त-विशेष योग
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ 10 अगस्त दिन मंगलवार की शाम 06 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि बुधवार की शाम को 04 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। 11 अगस्त को शिव योग शाम 06 बजकर 28 मिनट तक है। शिव योग में हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा। इस दिन रवि योग भी सुबह 09:32 बजे से पूरे दिन रहेगा। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक है। राहुकाल दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से दोपहर 02 बजकर 06 मिनट तक है।

पूजा विधि
हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह-सुबह उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनकर पूजा करने का संकल्प लेतीं हैं। पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर उन्हें लाल कपड़े के आसन पर स्थापित किया जाता है। इसके बाद पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजों को लेकर भगवान शिव और माता पार्वती अर्पित करें। अंत में तीज कथा और आरती करें। इस पर्व में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और अगले दिन व्रत खोलती हैं।

16 श्रृंगार का खास महत्व
हरियाली तीज के दिन हरी चूड़िया, हरे वस्त्र, 16 श्रृंगार और मेहंदी लगाने का विशेष महत्व होता है। नवविवाहित लड़की को मायके बुलाया जाता है। परंपरा के अनुसार, लड़की के ससुराल से मिठाई, वस्त्र और गहने आते हैं। इस दिन महिलाएं मिट्टी से शिव और पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजा करती है।

क्यों की जाती है तीज पर माता पार्वती-भगवान शिव की पूजा
सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का व्रत बहुत महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं झुला झुलती है और सावन के गीत गाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनका कठोर तप देखकर भोलेनाथ प्रसन्न हो गए थे और हरियाली तीज के दिन माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था। इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अंखड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है।

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