बरेली: रोजगार परक पाठ्यक्रमों के लिए होगा एमओयू

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बरेली, अमृत विचार। नई शिक्षा नीति के तहत सत्र 2021-22 से स्नातक में रोजगार परक पाठ्यक्रम (वोकेशनल कोर्स) पाठ्यक्रम संचालित किए जाने हैं। मौजूदा समय में अधिकांश महाविद्यालयों में वोकेशनल कोर्स संचालित नहीं हैं। ऐसे में महाविद्यालय शुरुआत से इन पाठ्यक्रमों के संचालन को लेकर परेशान हैं। कुछ दिनों पहले विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित …

बरेली, अमृत विचार। नई शिक्षा नीति के तहत सत्र 2021-22 से स्नातक में रोजगार परक पाठ्यक्रम (वोकेशनल कोर्स) पाठ्यक्रम संचालित किए जाने हैं। मौजूदा समय में अधिकांश महाविद्यालयों में वोकेशनल कोर्स संचालित नहीं हैं। ऐसे में महाविद्यालय शुरुआत से इन पाठ्यक्रमों के संचालन को लेकर परेशान हैं। कुछ दिनों पहले विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित करने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। अब उच्च शिक्षा विभाग से भी इन पाठ्यक्रमों को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों को स्थानीय स्तर पर उद्योगों से एमओयू साइन (समझौता ज्ञापन) करने के लिए बोला गया है।

इसके साथ ही आईटीआई, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, शिल्पकार, पंजीकृत उद्योगों और विशेषज्ञ व्यक्तियों से भी समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव मोनिका गर्ग, उच्च शिक्षा अनुभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि एमओयू करते समय छात्र की कार्यस्थल पर सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही ट्रेनिंग या इंटरनशिप के दौरान उनको मानदेय भी दिलाया जाए।

सुबह या शाम को संचालित होंगे पाठ्यक्रम
रोजगार परक पाठ्यक्रमों को कॉलेज की समय सारणी के अलग सुबह या शाम के समय संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि छात्र को प्रमुख विषयों को पढ़ने में कोई दिक्कत न हो। ट्रेनिंग अवकाश के दिन या कॉलेज की समय-सारणी के बाद कराई जा सकती है। इसके लिए सप्ताह में एक दिन निर्धारित किया जाए। कॉलेज में अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या के आधार पर विभिन्न पाठ्यक्रमों में सीटों का निर्धारण किया जाए।

इस तरह से तैयार होंगे पाठ्यक्रम
विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों को रोजगार परक पाठ्यक्रम तैयार करने होंगे। इन पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय की पाठ्यक्रम समिति, विद्या परिषद और कार्यपरिषद से अनुमोदित कराया जाएगा। पाठ्यक्रम स्किल पार्टनर या स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के सहयोग से यूजीसी, एनएसक्यूएफ के दिशा-निर्देशों के तहत बनाया जाएगा। थ्योरी और ट्रेनिंग के अंक 40:60 फीसदी के अनुपात में होंगे। सामान्य पाठ्यक्रम का एक क्रेडिट 15 घंटों और स्किल का एक क्रेडिट 30 घंटों का होगा। छात्र को एक सेमेस्टर में तीन क्रेडिट यानी प्रतिवर्ष छह क्रेडिट प्राप्त करने होंगे।

ट्रेनिंग की स्किल पार्टनर कराएगा परीक्षा
सामान्य पाठ्यक्रम की परीक्षा विश्वविद्यालय या कॉलेज कराएगा। वहीं ट्रेनिंग या इंटर्नशिप की परीक्षा स्किल पार्टनर कराएंगे। स्किल पार्टनर ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यम से परीक्षा ले सकते हैं। दोनों में अंक प्राप्त होने पर महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय को अंक उपलब्ध कराने होंगे। विश्वविद्यालय अंकतालिका में इसका विवरण देगा। विश्वविद्यालय या कॉलेज और स्किल पार्टनर संयुक्त रूप से अलग से सर्टिफिकेट भी दे सकते हैं।

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