रामपुर : मिक्की मियां की मौत क्या हादसा नहीं थी? 30 साल बाद उठा सवाल
रामपुर: अमृत विचार। विधानसभा चुनाव के ऐनवक्त पर रामपुर से पांच बार सांसद रहे नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां की तीस साल पहले सड़क हादसे में हुई मौत पर सवाल उठ गया है। मिक्की मियां के पोते स्वार-टांडा क्षेत्र से एनडीए (अपना दल एस) के प्रत्याशी नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां …
रामपुर: अमृत विचार। विधानसभा चुनाव के ऐनवक्त पर रामपुर से पांच बार सांसद रहे नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां की तीस साल पहले सड़क हादसे में हुई मौत पर सवाल उठ गया है। मिक्की मियां के पोते स्वार-टांडा क्षेत्र से एनडीए (अपना दल एस) के प्रत्याशी नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां ने अपने दादा की मौत को सामान्य हादसा नहीं एक साजिश होना बताया है। उन्होंने इस हादसे का राज खोलने के लिए सीबीआई जांच की मांग भी उठाई है। उनका कहना है कि जिस ट्रक से उनकी कार को टक्कर मारी गई वह चोरी का था और उस पर न नंबर था न उसका कोई चेसिस और इंजन नंबर ही निकला था।
बता दें कि नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां रामपुर रियासत के अंतिम नवाब रजा अली खां के छोटे बेटे थे। वे रामपुर से पांच बार सांसद रहे थे। 1992 में दिल्ली से रामपुर आते समय पिलखुवा के पास उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें मिक्की मियां की मौत हो गई थी। उनके पोते हमजा मियां का कहना है कि मेरे दादा का जब 1992 में एक्सीडेंट हुआ तो इसमें जिस ट्रक ने टक्कर मारी वो एक चोरी का ट्रक था, एक हफ्ते पहले ही उसकी रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इस चोरी के ट्रक पर नंबर भी नहीं था। लेकिन इंजन नंबर चेचिस नंबर भी मिटा हुआ था, इसका साफ मतलब है कि उनका एक्सीडेंट नहीं, बल्कि हत्या कराई गई थी। ऐसे में वो इस मामले की सीबीआई जांच करने की मांग कर रहे हैं।
पांच बार रामपुर के सांसद रहे थे मिक्की मियां
रामपुर रियासत के अंतिम नवाब रजा अली खां के दो बेटे थे बड़े बेटे नवाब मुर्तजा अली खां थे तो छोटे नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां। मिक्की मियां पांच बार रामपुर से सांसद रहे थे। 1992 में उनके निधन के बाद उनकी पत्नी बेगम नूरबानो दो बार सांसद रहीं हैं। उनके बेटे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां पांच बार विधायक रहे हैं तो एक बार मंत्री भी रहे हैं। नवेद मियां के दो बेटे हैं, नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां छोटे बेटे हैं जोकि स्वार सीट से अपना दल एस से प्रत्याशी हैं।
आखिर क्यों उठा यह सवाल
हमजा मियां तेज तर्रार युवा नेता हैं, विदेश में पढ़े-लिखे हैं, उनका कहना है कि जब उनके दादा की मौत हुई तो वे दो साल के थे। उनका शक है कि उनके दादा की मौत हादसा नहीं थी बल्कि उनकी हत्या कराई गई थी। उनका कहना है कि दादा की हत्या कराके मेरे खानदान की राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई थी। हमजा का कहना है कि अब वे इस लायक हैं कि दादा की मौत के राज का पर्दाफाश करा सकते हैं।
हमारे वालिद का कार हादसे में निधन हो गया था, पूरा परिवार गमजदा था, हमजा मियां जो कह रहे हैं वह सच है, उनकी कार का हादसा नहीं कोई साजिश थी, जिसमें उनकी मौत नहीं हुई बल्कि हत्या कराई गई। इस मामले की जांच होनी चाहिए। -नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां, नवाब परिवार के वंशज
