जब उत्तराखंड का राज्य पुष्प ‘बुरांश’ बना वाशिंगटन की महिलाओं की पसंद

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उत्तराखंड की पहाड़ी क्षेत्रों में उगने वाला बुरांश का फूल सुंदरता के साथ-साथ सेहत का खजाना भी है। गर्मियों के मौसम में खिलने वाले इस फूल की कई प्रजातियां होती हैं। दुनिया में खिलने वाले बुरांश की सबसे अधिक प्रजातियां हिमालयी क्षेत्रों में मिलती हैं। हिमालयी क्षेत्रों में इसे बुरुंज या बुरांश नाम से जाना …

उत्तराखंड की पहाड़ी क्षेत्रों में उगने वाला बुरांश का फूल सुंदरता के साथ-साथ सेहत का खजाना भी है। गर्मियों के मौसम में खिलने वाले इस फूल की कई प्रजातियां होती हैं। दुनिया में खिलने वाले बुरांश की सबसे अधिक प्रजातियां हिमालयी क्षेत्रों में मिलती हैं। हिमालयी क्षेत्रों में इसे बुरुंज या बुरांश नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि बुरांश हिमालयी मूल का ही वृक्ष है। इसमें सुर्ख लाल रंग के फूल खिला करते हैं हालांकि वाशिंगटन ने बुरूंज की जिस प्रजाति को अपना राज्य पुष्प बनाया है वह हल्के गुलाबी से चटक गुलाबी के होते हैं।

1892 में महिलाओं को वोट मिलने के अधिकार से पहले वाशिंगटन की महिलाओं ने अपने राज्य पुष्प के चयन के लिए वोट डाला था। 1893 में होने वाले शिकागो विश्व मेले में लगने वाली फूलों की प्रदर्शनी में वाशिंगटन की महिलाओं ने बुरांश को चुना।

बुरांश के फूल से लकदक पेड़।

विश्व मेले में लगने वाली फूलों की प्रदर्शनी के लिए वाशिगंटन की ओर से बतौर राज्य पुष्प किसी एक फूल को चुना जाना था। इसके लिये छह फूलों पर विचार किया गया लेकिन अंतिम दो फूलों में क्लोवर और कोस्ट रोडोडेनड्रॉन को जगह मिली। वाशिंगटन की महिलाओं के लिए राज्य भर में जगह-जगह वोटिंग बूथ बनाए गए थे। अंत में जब मतपत्रों की गिनती की गई और बुरुंज की एक प्रजाति जिसे स्थानीय तौर पर कहा जाता है, को वाशिगंटन का राज्य पुष्प चुना गया। साल 1959 में वाशिंगटन की विधानसभा ने आधिकारिक तौर पर बुरुंज (रोडोडेंड्रोन मैक्रोफिलम) को अपना राज्य पुष्प बनाया।

नेपाल, तिब्बत, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार, पकिस्तान, अफगानिस्तान, थाईलैंड और यूरोप में भी बुरांश पाया जाता है। यह नेपाल का राष्ट्रीय फूल भी है। बुरांश एरिकेसिई परिवार की 300 प्रजातियों में से है। एरिकेसिई परिवार की प्रजातियां उत्तरी गोलार्ध की सभी ठंडी जगहों में पाई जाती हैं।

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