रामपुर: किताबें पढ़ लेने से नहीं बनता कोई आलिमे दीन : काजी-ए-शहर
रामपुर, अमृत विचार। मदरसा जामे उल उलूम फुरकानिया में इस साल फारिग होने वाले 32 तलबा की दस्तारबंदी की गई। जिसमे हदीस शरीफ से फारिग होने वाले ग्यारह , शोबा हिफ्ज से फारिग होने वाले पंद्रह, दर्जा इफ्ता से फारिग होने वाले पांच तलबा और शोबा तज्विद व करात से फारिग होने वाले तलबा शामिल …
रामपुर, अमृत विचार। मदरसा जामे उल उलूम फुरकानिया में इस साल फारिग होने वाले 32 तलबा की दस्तारबंदी की गई। जिसमे हदीस शरीफ से फारिग होने वाले ग्यारह , शोबा हिफ्ज से फारिग होने वाले पंद्रह, दर्जा इफ्ता से फारिग होने वाले पांच तलबा और शोबा तज्विद व करात से फारिग होने वाले तलबा शामिल हैं। जलसे की सदारत कर रहे काजी ए शहर सैयद खुशनूद मियां ने हा कि महज दर्स मे शरीक होकर इल्म हासिल करना और किताबें पढ़ लेने से कोई आलिमे दीन नहीं बनता है बल्कि, उस्तादों के साथ मुकम्मल अदब व एहतेराम से पेश आने से ही इल्म में बरकत और कामियाबी हासिल होती है।
मिस्टन गंज स्थित मदरसे में रविवार को 73वें सालाना जलसे का आगाज शोबा ए तज़्वीद व क़रात के तालिबे इल्म कारी मोहम्मद अब्जान फुरकानी की तिलावत से हुआ। मौलवी मोहम्मद अयान शाह और मौलवी ताजेब खा ने मुनाजात पेश की। मौलवी मुहम्मद फैजान खां बिलासपुरी ने बानी मदरसा हजरत खतीबे आजम की नात पेश की। मौलवी मुहम्मद माहिर खां फुरकानी ने मदरसे की शान मे तराना ए फुरकानिया पेश किया। इसके बाद दौरा हदीस शरीफ से फारिग होने वाले तालिब इल्म मौलवी मोहम्मद जमीर उद्दीन फुरकानी आसामी ने कहा कि इल्मे दीन अंबिया ए किराम कि मीरास है।
इसके बाद दर्जा इफ्ता से फारिग होने वाले तालिब इल्म मुफ्ती राईज उल इस्लाम फुरकानी ने इल्म व अखलाक को अपनी तकरीर का मौजू बनाया और इल्म की अहमियत और अखलाक कि फजीलत को बताया। इसके बाद मौलवी फैज़ान खां बिलासपुरी ने अपनी तकरीर में इल्म व हिकमत का तजकरा किया। मौलवी सैयद मुराद अहमद फुरकानी ने अरबी जबान मे तकरीर पेश की। जिसका उर्दू तर्जुमा मौलवी मुनाजिर हुसैन फुरकानी ने पेश किया।
सबने रखी अपनी-अपनी बात
मौलवी तसनीफ हसन खां फुरकानी ने अपनी तकरीर में इल्म व फन की अहमियत पर फोकस किया। मदरसा जामे उलूम फुरकानिया के प्रिन्सिपल मौलाना मोहम्मद रेहान खां कादरी ने सभी शोबों का तआर्रुफ कराया। कहा कि मदरसा फुरकानिया से इस साल कुल फ़ारिग होने वाले तलबा 32 है, जिसमें दौरा हदीस शरीफ से फारिग होने वाले 11 तलबा , शोबा हिफ्ज से फारिग होने वाले 15 तलबा, दर्जा इफ्ता से फारिग होने वाले पांच तलबा और शोबा तज्विद व क़रात से फारिग होने वाले तलबा की तादाद रही और सभी तलबा कामयाब रहे। नाज़िम ए जलसा डा. शायर उल्लाह खां ने मदरसे की सालाना रिपोर्ट पेश की।
काजी ए शहर सैयद खुशनूद मियां ने अपने सदारती कलमात में सामेईन और खासतौर पर तलबा को नसीहत की। लतीफ मेमोरियल एजुकेशनल अवार्ड मौलवी मोहम्मद फरमान फुरकानी, मौलवी मोहम्मद फैजी और मौलवी मोहम्मद फरदीन को मिला। मौलाना रियाज उद्दीन अहमद खान वजीही मेमोरियल अवार्ड बराये माकूलात मौलवी सैयद महामिद अली फुरकानी, मौलवी सैयद अली हम्माद और मौलवी सैयद बिलाल हसन फुरकानी को दिया गया। मौलवी मजाहिर उल्लाह खां कादरी वजीही मेमोरियल अवार्ड बराये तजवीद व किरात कारी अब्दुल मिकदाम फुरकानी और कारी मोहम्मद अब्जान फुरकानी को दिया गया। इसके बाद दर्जा इफ्ता, दर्जा हदीस, दर्जा करात व हिफ्ज के कुल 32 फारेगीन के सरो पर दसतार बांधी गई। अंत में शहर इमाम मौलाना मुफ़्ती महबूब अली ने दुआ कराई।
