मुरादाबाद : पुलिस के ‘यूपी कॉप एप’ से जोड़ें नाता, थाने के चक्कर काटने से मिलेगी मुक्ति

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मुरादाबाद, अमृत विचार। थानों व पुलिस कार्यालय पर रोज उमड़ने वाली भारी भीड़ तभी कम होगी जब जनता ही नहीं बल्कि पुलिस भी जिम्मेदार, जवाबदेह व सजग होगी। पुलिस के ‘यूपी कॉप एप’ पर वह सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसका उपयोग करके कोई भी व्यक्ति थाने व पुलिस कार्यालय के चक्कर काटने से बच सकता …

मुरादाबाद, अमृत विचार। थानों व पुलिस कार्यालय पर रोज उमड़ने वाली भारी भीड़ तभी कम होगी जब जनता ही नहीं बल्कि पुलिस भी जिम्मेदार, जवाबदेह व सजग होगी। पुलिस के ‘यूपी कॉप एप’ पर वह सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसका उपयोग करके कोई भी व्यक्ति थाने व पुलिस कार्यालय के चक्कर काटने से बच सकता है। जरूरत बस तकनीक से नाता जोड़ने की है। यूपी पुलिस की अधिकांश सुविधाओं का लाभ घर बैठे उठाया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने वर्ष 2018 में ‘यूपी कॉप एप’ लांच किया। इस एप पर पुलिस से संबंधित कुल 27 सुविधाएं उपलब्ध हैं। चोरी, लूट और साइबर ठगी की घटनाओं में तत्काल एफआईआर दर्ज कराने की भी सुविधा है। इतना ही नहीं नौकरों का सत्यापन, चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन, एम्पलाई का सत्यापन, धरना-प्रदर्शन, समारोह और फिल्म शूटिंग की अनुमति भी ‘यूपी कॉप एप’ की मदद से आसानी से ले सकते हैं। यह एप ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से जुड़ा हुआ है। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को एप के जरिए मदद की जाती है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट, दुर्व्यवहार की रिपोर्ट, लावारिस लाश, गुमशुदा की तलाश, चोरी और रिकवर गाड़ियों से संबंधित सूचनाएं भी एप पर उपलब्ध हैं। ‘यूपी कॉप एप’ को अब तक कुल दस लाख से ज्यादा लोगों ने मोबाइल फोन पर अपलोड किया है। एप को अंतिम बार 24 मार्च 2022 को अपडेट किया गया है। यूपी पुलिस एप की मदद से दी जाने वाली सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है। कुल 18,316 लोगों ने एप को लेकर फीडबैक दिया है। एप की एवरेज रेटिंग पांच में से 3.7 है। साइबर विशेषज्ञ बताते हैं कि चार अंक अथवा इससे अधिक फीडबैक को बेहतर माना जाता है।

साइबर ठगी से बचाता है एप
‘यूपी कॉप एप’ साइबर ठगी का शिकार बनने से भी बचाता है। एप पर ई-सुरक्षा की पूरी गाइडलाइन उपलब्ध है। एटीएम कार्ड, वन टाइम पासवर्ड, फर्जी फोन कॉल के जरिए फ्रॉड को लेकर एप बैंक ग्राहकों को सतर्क व सचेत करता है। इतना ही नहीं एटीएम बूथ में बरती जाने वाली सावधानी व एटीएम से पेमेंट करने में खतरे व बचाव की जानकारी भी एप पर उपलब्ध है। साइबर अपराध के कुल 26 तरीके व इससे बचने के उपाय एप बताता है। सेफ डिजिटल बैंकिंग व उपभोक्ता की जिम्मेदारी की जानकारी भी एप में उपलब्ध है।

एप्प पर उपलब्ध डेटा
24 घंटे में जिले या थानाक्षेत्र में हुई गिरफ्तारी का विवरण एप पर उपलब्ध है। साइबर अपराध से संबंधित अंतिम 10 मुकदमे भी एप पर देखे जा सकते हैं। बदमाशों, जिला बदर अपराधियों और गुंडा एक्ट के तहत सूचीबद्ध बदमाशों के नाम एप पर दर्ज हैं। एसएसपी, सीओ व थाना प्रभारी के मोबाइल नंबर भी एप के ‘कॉल अस बटन’ पर उपलब्ध हैं। लांग ड्राइव के दौरान दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र की जानकारी भी आसानी से पता की जा सकती है।

साइबर विशेषज्ञ संजय मिश्र

साइबर विशेषज्ञ संजय मिश्र ने बताया कि‘यूपी कॉप एप’ पुलिस की बेहतरीन सेवा है। तकनीक की मदद से सेवा का लाभ कभी भी उठाया जा सकता है। ‘यूपी कॉप एप’ की प्रासंगिकता में वृद्धि के लिए पुलिस को भी प्रयास करने होंगे। मोबाइल एप को दस लाख लोगों ने भले ही अपलोड कर लिया है, लेकिन एप का वास्तविक इस्तेमाल अभी भी नहीं हो रहा। थानों व पुलिस कार्यालयों में उमड़ने वाली भीड़ दावे को प्रमाणित करती है। भीड़ तभी कम होगी, जब एप पर त्वरित व प्रभावी रिस्पांस मिलेगा।

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