गोंडा : मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर, गोद में उठाकर अस्पताल के अंदर ले गए परिजन
गोंडा, अमृत विचार। प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे का जिम्मा संभाल रहे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भले ही सरकारी अस्पतालों की बदहाली को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हों लेकिन इन अस्पतालों में तैनात अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन अफसरों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों व उनते तीमारदारों को भुगतना पड़ …
गोंडा, अमृत विचार। प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे का जिम्मा संभाल रहे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भले ही सरकारी अस्पतालों की बदहाली को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हों लेकिन इन अस्पतालों में तैनात अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन अफसरों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों व उनते तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है।
इसी तरह की एक बड़ी लापरवाही जिले के बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय में सामने आई है। शनिवार की देर शाम घायल हालत में जिला अस्पताल पहुंचे एक मरीज को भीतर से जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला। स्ट्रेचर न मिलने से परेशान परिजनों ने उसे किसी तरह से गोद में उठाकर अस्पताल के भीतर पहुंचाया। इस हालत को जिसने भी देखा वह स्वास्थ्य व्यवस्था को कोसता नजर आया।
नगर कोतवाली क्षेत्र के महाराजगंज घोसियाना मोहल्ले के रहने वाले सलमान मानसिक रोगी से पीड़ित है। शनिवार की देर शाम उसने अपने हाथ पैर काट लिया था और गंभीर रूप से घायल हो गया था। आनन फानन में उसकी पत्नी व अन्य परिजन समान को टेंपों पर लादकर जिला पहुंचे। लेकिन अस्पताल के भीतर से जाने जाने के लिए उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिल सका।
परिजनों ने अस्पताल कर्मचारियों से काफी देर तक स्ट्रेचर के लिए मिन्नतें की लेकिन उन्हें स्ट्रेचर मुहैया नहीं कराया गया। परिजन स्ट्रेचर के लिए अस्पताल के भीतर पहुंचे तो अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि स्ट्रेचर टूटा पड़ा है। आखिरकार निराश होकर परिजनों ने सलमान का हाथ पैर पकड़कर उसे गोद में उठाया और लगभग घसीटते हुए उसे अस्पताल की इमरजेंसी तक ले गए।
अस्पताल के कर्मचारियों की संवेदनहीनता के इस दृश्य को जिसने भी देखा वह अस्पताल की व्यवस्था को कोसता नजर आया। सलमान की पत्नी ने बताया कि उसके पति ने तनाव ग्रस्त होकर अपनी हाथ काटकर घायल कर लिया था। वह टेंपों से उसे जिला अस्पताल लाई थी लेकिन अस्पताल तक ले जाने के लिए उसे स्ट्रेचर नहीं मुहैया कराया गया इसलिए सलमान को गोद में उठाकर अस्पताल की इमर्जेन्सी तक ले जाना पड़ा।
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