बरेली: 17 हजार वाहनों में सीएनजी किट, हाइड्रो टेस्ट का पता नहीं, आए दिन हो रहीं आग लगने की घटनाएं
बरेली, अमृत विचार। पेट्रोल और डीजल महंगा होने के बाद अब लोग सीएनजी वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं, लेकिन वाहनों में सीएनजी किट लगवाने के बाद अधिकांश लोग हाइड्रो टेस्ट नहीं करा रहे हैं। इसकी वजह से आए दिन वाहनों में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। सोमवार सुबह एक बस में सीएनजी भरवाते …
बरेली, अमृत विचार। पेट्रोल और डीजल महंगा होने के बाद अब लोग सीएनजी वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं, लेकिन वाहनों में सीएनजी किट लगवाने के बाद अधिकांश लोग हाइड्रो टेस्ट नहीं करा रहे हैं। इसकी वजह से आए दिन वाहनों में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। सोमवार सुबह एक बस में सीएनजी भरवाते समय आग लग गई थी। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया था। यदि ऐसा नहीं होता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
शहर में सीएनजी से चलने वाले वाहनों में कार्मिशयल वाहनों की संख्या 7478 है। जबकि सीएनजी से चलने वाले प्राइवेट वाहनों की संख्या 10410 है, लेकिन जिलेभर में बिना रोक-टोक चल रहे सीएनजी व एलपीजी किट लगे वाहन लगातार हादसों काे निमंत्रण दे रहे हैं। ऐसे वाहनों का परिवहन विभाग से मान्यता प्राप्त किट लगवाकर उसका भौतिक सत्यापन व पंजीकरण कराना अनिवार्य है। फिर भी बिना किसी वैद्यता के ही वाहन धड़ल्ले से सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। इससे जहां वाहन में बैठी सवारियों की जान- माल का हर समय खतरा बना रहता है, वहीं अक्सर वाहनों में आग लगने की वजह भी यही है। शहर में कई हादसे होने के बाद भी लोग किट लगवाने की सुरक्षा का ध्यान नहीं रख रहे हैं।
आरआई टेक्निकल मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि सीएनजी से चलने वाले वाहनों का 3 साल बाद हाइड्रो टेस्ट होना जरूरी होता है। हाइड्रो टेस्ट की वैधता खत्म होने के बाद टेस्ट कराना जरूरी है। नकटिया के पास एक निजी कंपनी द्वारा यह टेस्ट किया जाता है। उन्होंने कहा कि सीएनजी किट लीकेज होने से आग लगने के चांस बहुत कम होते हैं। उसकी वजह है कि हल्का लीकेज होने के बाद गैस उड़ जाती है।
आग से ऐसे करें बचाव
-सही वक्त पर आयल फिल्टरऔर इंजन आयल को बदलते रहें।
-कार में फालतू इलेक्ट्रीकल उपकरण लगाने से बचें
-सीएनजी किट चाइनीज नहीं बल्कि कंपनी की ही लगवाएं।
-किट की वायरिंग की हर तीन साल में जांच अवश्य कराएं।
-पुराने सिलेंडर कभी न लगवाएं
-किट में बायरिंग इंजन के अंदर होनी चाहिए।
पहले भी अभियान चलाकर एलपीजी सिलेंडर से चलने वाली गाड़ियों के चालान कर फिटनेस को निरस्त कराया था। गाड़ियों की चेकिंग कराकर अवैध तरीके से चल रहे वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी।- दिनेश कुमार सिंह, आरटीओ प्रवर्तन
हाइड्रो टेस्ट होने के बाद ही सीएनजी दी जाती है। हाइड्रो टेस्ट की डेट निकलने वाले वाहनों को गैस नहीं दी जाती है। बस में आग लगने के बाद सीएनजी पंप पर नुकसान हुआ है, लेकिन चालक और परिचालक घटना के बाद फरार हो गए थे।- मंसूर अली, एरिया मैनेजर, सीयूजीएल
ये भी पढ़ें- बरेली क्लब के पास खुदाई में कटी केबिल, तीन हजार घरों की बिजली गुल
