गोरखपुर : कुलपति ने दिखाई सख्ती, 7 घंटे से कम ड्यूटी पर नहीं मिलेगी सैलरी
गोरखपुर, अमृत विचार । गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही शिक्षकों को भी सात घंटे की ड्यूटी करनी होगी। उन्हें सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक परिसर में रहना होगा। विश्वविद्यालय में आने और जाने के समय की बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी। इसी के आधार पर वेतन भी बनेगा। …
गोरखपुर, अमृत विचार । गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही शिक्षकों को भी सात घंटे की ड्यूटी करनी होगी। उन्हें सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक परिसर में रहना होगा। विश्वविद्यालय में आने और जाने के समय की बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी। इसी के आधार पर वेतन भी बनेगा।
उक्त आदेश जारी करते हुए कुलपति प्रो. राजेश सिंह की ओर से कहा गया है कि बायोमेट्रिक मशीन के जरिए शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन को उपस्थिति से लिंक कर दिया गया है। ऐसे में अनुपस्थित होने या कम अवधि तक परिसर रहने पर स्वत: वेतन की कटौती हो जाएगी।
बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी संकायों में बायोमेट्रिक हाजिरी के लिए मशीनें लगाने के बाद अब इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए निर्देश जारी किया है। निर्देश में इस बात का भी जिक्र है कि विश्व विद्यालय के शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी बायोमेट्रिक हाजिरी का पालन नहीं कर रहे हैं। जिसका जब मन आता है, अटेंडेंस लगाता है। कुछ लोग इसे गंभीरता से न लेते हुए हाजिरी ही नहीं लगा रहे। हर हाल में बायोमेट्रिक मशीन पर सुबह 10 और शाम पांच बजे हाजिरी लगानी होगी।
हालांकि विश्वविद्यालय में बायोमेट्रिक हाजिरी प्रक्रिया जून में ही लागू कर दी थी।यूनिवर्सिटी कैम्पस में 20 जगहों पर बायोमेट्रिक उपकरण लगाए गए हैं। लेकिन ग्रीष्मावकाश शुरू होने के चलते यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई। किन्तु विश्वविद्यालय खुलने के बाद भी जब शिक्षकों और कर्मचारियों ने व्यवस्था को गंभीरता से नहीं लिया तो विश्वविद्यालय प्रशासन को इसे लेकर कड़ा रुख अपनाना पड़ा है।
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