लखीमपुर-खीरी: वेंकटेश्वर ग्लोबल कंपनी ने बेलरायां चीनी मिल को लगाया 1 करोड़ 32 लाख का चूना
अमृत विचार, लखीमपुर-खीरी। चीनी खरीद में शर्तों का उल्लंघन करने और मिल को एक करोड़ 32 लाख 63 हजार 750 रुपये का चूना लगाने वाली तमिलनाडु की वेंकटेश्वर ग्लोबल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी फंस गई है। कोतवाली तिकुनियां पुलिस ने डीएम के आदेश पर बेलरायां की सरजू सहकारी चीनी मिल के मुख्य लेखाकार की तरफ …
अमृत विचार, लखीमपुर-खीरी। चीनी खरीद में शर्तों का उल्लंघन करने और मिल को एक करोड़ 32 लाख 63 हजार 750 रुपये का चूना लगाने वाली तमिलनाडु की वेंकटेश्वर ग्लोबल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी फंस गई है। कोतवाली तिकुनियां पुलिस ने डीएम के आदेश पर बेलरायां की सरजू सहकारी चीनी मिल के मुख्य लेखाकार की तरफ से दी गई तहरीर पर धोखाधड़ी समेत अन्य धारा में रिपोर्ट दर्ज की है।
बेलरायां चीनी मिल के मुख्य लेखाकार रवि चौधरी ने बताया कि वेंकटेश्वर ग्लोबल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर चेन्नई (तमिलनाडु) चीनी निर्यात फर्म के रूप में भारत सरकार में पंजीकृत है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत सरकार की चीनी निर्यात को प्रोत्साहित किये जाने की नीति के तहत उपलब्ध कराये गये चीनी निर्यात कोटा एक्स मिल के पेराई सत्र 2017-18 एवं 2018-19 के क्रम में प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ लखनऊ ने ई – निविदा निकाली थी, जिसमें वेंकटेश्वर ग्लोबल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड को निर्यातक फर्म चयनित किया गया था।
चीनी मिल संघ ने 11 फरवरी 2020 को स्वीकृत दरों पर निर्यातक फर्म ने सरजू सहकारी चीनी मिल्स बेलरायां से लिखित अनुबन्ध कर आवंटित चीनी 46387 क्विंटल 2425 रुपये प्रित क्विंटवल की दर पर चीनी उठान कर निर्यात किये जाने के निर्देश दिये थे । 14 फरवरी 2020 को निर्यातक फर्म के अधिकृत हर्ष कुमार बेलरायां चीनी मिल आए और उसी दिन वेंकटेश्वर ग्लोबल ट्रेडिंग चेन्नई , तमिलनाडू, निदेशक मोरिमी सेट्टी पाण्डू , श्रीकुमार जयारामन, एक्सपोर्ट डाइरेक्टर बालाजी वासुदेवन ने मिल के साथ लिखित अनुबन्ध किया।
48465138 रुपये का पीडीसी चेक अनुदानित धनराशि के विरुद्ध उपलब्ध कराया गया। निर्यातक फर्म ने मार्च 2020 तक 52069125 रुपये मिल कोष में जमा कर कुल 19650 क्विंटल चीनी का उठान निर्यात हेतु किया, जिस पर मिल को 13263750 रुपये अनुदान के रूप में भारत सरकार से प्राप्त होना था। भारत सरकार की चीनी निर्यात तिथि एवं अनुबन्ध पत्र की शर्तों के अनुसार निर्यातक फर्म द्वारा उठायी गयी चीनी का निर्यात किया जाना था।
फर्म को उक्त चीनी स्थानीय बाजार में विक्रय करने का अधिकार नहीं है। अनुबन्ध की शर्तों के अनुसार निर्यातक फर्म के निर्यात प्रक्रिया पूरी करने के उपरान्त प्रपत्र चीनी मिल को उपलब्ध कराना था, जिससे चीनी मिल अनुदानित धनराशि प्राप्त करने के लिये भारत सरकार के समक्ष क्लेम प्रस्तुत कर सकती। निर्यातक फर्म ने कई बार मांगे जाने के बाद भी मिल को 100 रुपये के स्टांप पर मर्चेन्ट एक्सपोर्टर अन्डरटेकिंग कस्टम, सत्यापित इन्वाइस की प्रमाणित प्रतियां आदि उपलब्ध नहीं करायी गयी, जिससे चीनी मिल अनुदानित धनराशि प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के पास क्लेम प्रस्तुत नहीं कर सकी।
इससे चीनी मिल को 13263750 रुपये की वित्तीय क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि निर्यातक फर्म को एक नोटिस 15 सितबंर 2020 को निर्यातक फर्म के पते पर भेजी गई। जो डाक विभाग से वापस आ गयी। इससे प्रतीत होता है कि निर्यातक फर्म दर्शित पते पर कार्यरत नहीं है। निर्यातक फर्म ने छल – कपट कर लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से जानबूझकर पीडीसी चेक पर भिन्न हस्ताक्षर बनाये गये हैं।
अनुबन्ध में दर्शित पते को बदल दिया गया है, जिसकी सूचना मिल या संघ को उपलब्ध नहीं करायी गयी। कोतवाली तिकुनियां पुलिस ने मुख्य लेखाकार की तहरीर पर मेसर्स वेंकटेश्वर ग्लोबल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, निदेशक मोरिमी सेट्टी पाण्डू, निदेशक श्रीकुमार जयारामन, एस्कपोर्ट डायरेक्टर वालाजी वासुदेवन, अधिकृत हस्ताक्षरी हर्ष कुमार व अशोक कुमार रेड्डी के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
डीएम के आदेश पर लेखाकार ने कंपनी के खिलाफ जो तहरीर दी है। उसी के आधार पर आईपीसी की धारा 409 व 420 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। प्रकरण की जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी—राजू राव, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली तिकुनियां।
