आजमगढ़ : 27 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद उमाकांत को हो सकती है सजा…जानें क्या है मामला

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

आजमगढ़ । जौनपुर की MP/MLA की अदालत ने मछलीशहर लोकसभा सीट के पूर्व सांसद उमाकांत यादव पर लगे आरोप तय कर दिए हैं। बता दें कि 27 साल पहले जीआरपी सिपाही हत्याकांड में अदालत ने उमाकांत यादव को दोषी करार किया है। इस मामले में पूर्व सांसद समेत 7 अन्य लोगों को सजा दी जा …

आजमगढ़ । जौनपुर की MP/MLA की अदालत ने मछलीशहर लोकसभा सीट के पूर्व सांसद उमाकांत यादव पर लगे आरोप तय कर दिए हैं। बता दें कि 27 साल पहले जीआरपी सिपाही हत्याकांड में अदालत ने उमाकांत यादव को दोषी करार किया है। इस मामले में पूर्व सांसद समेत 7 अन्य लोगों को सजा दी जा सकती है।

बता दें कि अब तक इस केस मे 598 लोगों की सुनवाई हो चुकी है। इस मामले में सरकारी वकील लाल बहादुर पाल और सीबीसीआईडी के सरकारी वकील मृत्युंजय सिंह ने 19 गवाहों की गवाही कराई थी और इसके आधार पर चार्ज तय किया गया है।

बताते चलें कि सिपाही कांस्टेबल लल्लन सिंह गवाही के दौरान पक्षद्रोही घोषित हो गया। पूर्वांचल की राजनीति में उमाकांत यादव की पहचान किसी बेशक किसी से छिपी नहीं हैं। हालांकि, उनका नाम गेस्टहाउस कांड में भी सामने आया था।

गौरतलब है कि 4 फरवरी 1995 को जौनपुर जनपद के शाहगंज स्टेशन पर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था। इस पर जीआरपी चौकी को सूचना दी गई। इनमें से एक शख्स ने अपना परिचय उमाकांत यादव के ड्राइवर राजकुमार के रुप में की थी। बता दें कि कहासुनी के दौरान ड्राइवर ने जीआरपी सिपाही रघुनाथ सिंह के गाल पर थप्पड़ जड़ दिया था।

इसके बाद सिपाही के साथियों ने राजकुमार को जीआरपी चौकी के हवालात में बंद कर दिया था। बता दें कि इस बात की सूचना उमाकांत को हुई तो वह अपने साथियों के साथ असलहा लेकर जीआरपी चौकी पहुंचे। इसके बाद स्टेशन पर अंधाधुंध फायरिंग की गई।

बता दें कि इस गोलीबारी में जीआपी सिपाही अजय सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि सिपाही लल्लन सिंह, रेलवे कर्मचारी निर्मल और यात्री भरत लाल गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उमाकांत अपने ड्राइवर को हवालात से निकालकर भाग निकला था। सिपाही रघुनाथ सिंह की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था।

तहरीर के आधार पर पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास सहित 10 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मामले की तफ्तीश शुरू की गई और इसकी विवेचना सीबीसीआईडी को भी सौंपी गई।

यह भी पढ़ें:- मंत्री राकेश सचान हुए ‘फरार’, अखिलेश यादव ने भाजपा पर कसा तंज, जानें क्या कहा?

संबंधित समाचार