समाज व इंसानियत के लिए इमाम हुसैन ने दी कुर्बानी: मौलाना आजिम

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अयोध्या। शहर से वजीरगंज मोहल्ला स्थित दरगाह हजरत अबुल फजलिल अब्बास अलैहिस्सलाम में 10 दिवसीय मजलिस ए अरबाईंन शुरू हो गई है। पहली मजलिस को मौलाना आजिम बाकरी ने खिताब किया। उन्होंने कर्बला के मैदान में पेश की गई बेमिसाल कुर्बानी का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने अपने अपने साथ …

अयोध्या। शहर से वजीरगंज मोहल्ला स्थित दरगाह हजरत अबुल फजलिल अब्बास अलैहिस्सलाम में 10 दिवसीय मजलिस ए अरबाईंन शुरू हो गई है। पहली मजलिस को मौलाना आजिम बाकरी ने खिताब किया। उन्होंने कर्बला के मैदान में पेश की गई बेमिसाल कुर्बानी का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।

उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने अपने अपने साथ 72 कुर्बानियां देकर ना केवल इस्लाम को हमेशा के लिए बचा लिया बल्कि समाज और इंसानियत की भी रहती दुनिया तक की हिफाजत की।

मौलाना बाकरी ने कहा कि दुनियां के सामने हजरत इमाम हुसैन ने जुल्म के खिलाफ हर तरह से आवाज उठाने का भी पैगाम दिया। उनकी कुर्बानी इंसानियत के लिए थी इसी वजह से आज दुनिया भर में इमाम हुसैन को याद किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम जालिम खलीफा का साथ नहीं दिया जिसकी वजह से आपको इतनी बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी लेकिन यही कुर्बानी दीन को बचा ले गई और उसी कुर्बानी की वजह से आज भी इंसानियत दुनिया में बची हुई है।

अंजुमन हुसैनिया वजीरगंज की देखरेख में आयोजित हो रही मजलिस का प्रारंभ तिलावते कलाम ए पाक से हुआ। मजलिस के पूर्व शायर ए अहलेबैत ने पेशखवानी की और मजलिस के उपरांत शहर की प्रसिद्ध अंजुमन गुंचये मजलुमिया ने नाैहाख्वानी और सीनाजनी की।

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