लखनऊ के 103 वर्ष पुराने शिया पीजी कॉलेज के इतिहास में जुड़ा नया अध्याय, पहली बार में नैक से मिला ए ग्रेड, शुरू हुई अब डबल प्लस की तैयारी

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रविशंकर गुप्ता विचार लखनऊ। राजधानी में सीतापुर रोड पर स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध शिया पीजी कॉलेज (Shia PG College) अपने में एक लखनऊ इतिहास है। अब 103 वर्ष पूरे कर चुके इस कॉलेज के इतिहास के साथ बुधवार को एक नया अध्याय भी जुड़ गया है। लखनऊ का ये पहला उच्च शिक्षा प्रदान करने …

रविशंकर गुप्ता विचार लखनऊ। राजधानी में सीतापुर रोड पर स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध शिया पीजी कॉलेज (Shia PG College) अपने में एक लखनऊ इतिहास है। अब 103 वर्ष पूरे कर चुके इस कॉलेज के इतिहास के साथ बुधवार को एक नया अध्याय भी जुड़ गया है। लखनऊ का ये पहला उच्च शिक्षा प्रदान करने वाला कॉलेज है जिसे पहली ही बार में नैक से ए ग्रेड मिला है। इस संबंध में अमृत विचार से बातचीत में कॉलेज के आईक्यूएसी कोआर्डिनेटर डॉ मिर्जा मोहम्मद अबु तैय्यब (IQAC Coordinator Dr. Mirza Mohammad Abu Tayyab) ने कहा हमें इस बात की आपार प्रसन्नता है कि कॉलेज को नैक से ए ग्रेड मिला है, लेकिन हम यहीं पर नहीं रुकने वाले हैं, उन्होने कहा आज जो उपलब्धि है मिली है पिछले पांच-छह सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा है, जिसके लिए कॉलेज का एक-एक शिक्षक और कर्मचारी बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि यही हमारी टीम अब नैक से ए डबल प्लस की तैयारी छुट्टी के बाद कॉलेज खुलते ही शुरू करेगी।

बुजुर्गो की सोच को कॉलेज ने किया साकार
सिया पीजी कॉलेज के आईक्यूएसी कोआर्डिनेटर डॉ मिर्जा मोहम्मद अबु तैय्यब ने कहा कि आज का दिन शिया कालेज की तारीख़ का यादगार दिन है। 103 साल पहले जिन बुजुर्गों ने जिस सोच के साथ कालेज की बुनियाद रखी थी आज कालेज उनके सपनों को साकार करने की दिशा में और आगे बढ़ा है इसके साथ ही इन सपनों को साकार करने की दिशा स्व. मौलाना मिर्जा मोहम्मद अतहर साहब ने दी और मौजूदा वक्त में मौलाना यासूब अब्बास, प्रोफेसर अज़ीज़ हैदर, सैयद अब्बास मुतुर्ज़ा शम्सी और सभी बोर्ड आफ ट्रस्टीज़ के सदस्यों, शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कमर्चारियों का योगदान सराहनीय है।

नैक टीम ने इस तरह किया मूल्यांकन
कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर बाकरी ने बताया कि महाविद्यालय की ओर से पिछले वर्ष दिसम्बर में आईआईक्यूए सब्मिट करने के बाद से ही तैयारियां चल रही थीं बीते 19 व 20 अक्टूबर को नैक पियर टीम ने महाविद्यालय आकर भ्रमण किया और महाविद्यालय के अन्दर सभी सुविधाओं का भौतिक रूप से मूल्यांकन किया गया। इस दौरान एक्जिट मीट में पियर टीम के चेयरमैन प्रोफेसर कमल के. मिश्रा ने दो दिवसीय दौरे का अनुभव को साझा किया और कहा कि इस बदलते दौर में शिक्षा के क्षेत्र में शिया पी. जी. कालेज ने काफी सराहनीय काम किया है। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है आने वाले समय में यह महाविद्यालय शिक्षा जगत के शिखर पर जायेगा। इनके साथ गुजरात नेशनल लॉ विश्वविद्यालय गांधीनगर के निदेशक, प्रोफेसर संजीवी संथाकुमार, मेम्बर कोआडिर्नेटर व एमईएम अबासाहेब गरवारे महाविद्यालय, पूणे के प्राचार्य, प्रो. पंधारीनाथ बुचाडे़ टीम में सदस्य के रूम में शामिल थे।

इन मानकों को गहनता से परखा गया
नैक पियर टीम ने महाविद्यालय के अन्दर विभिन्न विभागों का भ्रमण किया तथा महाविद्यालय में मौजूद सभी सुविधाओं का जाएज़ा लिया। इमसें स्मार्ट क्लास, आइसीटी टूल्स, वाटर हावेर्स्टिंग, ई-गवर्नेन्स, सोलर व सेन्सर लाइट, खेलकूद व सांस्कृतिक आयोजनों की सुविधाओं का जाएज़ा लिया। पियर टीम ने छात्रों, एलयूमीनी, पेरेन्टस से भी अलग-अलग मुलाकात कर कालेज के बारे में जानकारी एकत्र की। इस बारे में डॉ तैय्यब ने बताया कि बताया कि महाविद्यालय ने क्राईटेरिया 01 में 3.4 क्राईटेरिया 02 में 2.93 क्राईटेरिया 03 में 3.08 क्राईटेरिया 04 में 3.51 क्राईटेरिया 05 में 2.83 क्राईटेरिया 06 में 2.92 क्राईटेरिया 07 में 3.37 कुल 3.09 अंक पाकर ए ग्रेड प्राप्त किया।

91.66 प्रतिशत अंको के साथ मिला ए ग्रेड
डॉ तैय्यब ने कहा कि हमे उम्मीद थी कि हमको A+ मिलेगा जिसके लिए विशेष योजना बना कर काम किया गया था हम आईक्यूएसी की बैठक बुलाकर अध्ययन करेगे कि हमारे प्रयास में कहां कमी रह गई और आने वाले दिनो में उसको कैसे सुधारा जाए। इस सम्बन्ध में महाविद्यालय की सबसे बड़ी उपलब्धी यह है कि नैक द्वारा निर्धारित स्टूडेन्ट सैटिसफ (91.66 प्रतिशत) अंक प्राप्त किये जो महाविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच घनिष्ठ रिश्ते को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि हम शिया पी. जी. कालेज के विकास की इस यात्रा को यहां रूकने नहीं देंगे और इसको आगे बढ़ाते हुए नई नई मंज़िलों तक पहुचाने का काम करेगे।

ए डबल प्लास के लिए ये है कार्य योजना
शिया पीजी कॉलेज को नैक से ए डबल प्लस दिलाने की भी कार्य योजना तैयार की गई है। उसके कुछ बिंदुओं को अमृत विचार से साझा करते हुए बताया कि महाविद्यालय के स्तर पर शोध, रिसर्च प्रोजेक्ट, कन्सन्लटेन्सी सम्बधित कार्यों, को बढ़ावा देना। छात्रों के प्लेस्मेंट के लिए और बेहतर प्रयास, विभिन्न संस्थानों के साथ एमओयू के माध्यम से छात्रों के लिए रोज़गार के अवसर बनाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ में छात्र-छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के लिए निःशुल्क कोचिंग सेन्टर की स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही फाइनेन्स मैनेजमेन्ट व विभिन्न प्रबन्धकीय उप समितियों छात्रों का प्रतिनिधत्व को भी बढ़ाया जायेगा। महाविद्यालय में निरन्त विकास से प्राप्त की इस गुणवक्ता को आगे बढ़ाने के लिए सभी शिक्षक व शिक्षणेत्तर कमर्चारियों की मासिक रिपोर्ट सहित कई कार्य योजना तैयार की जायेगी।

 

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