बरेली: राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में डॉक्टरों का टोटा, व्यवस्थाएं प्रभावित

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बरेली, अमृत विचार। एसआरएम राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। इसके चलते कई सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। यहां शासन की ओर से डॉक्टरों के कुल 50 पद स्वीकृत किए गए हैं लेकिन इसके सापेक्ष सिर्फ 32 ही यहां तैनात हैं। अभी भी यहां डाॅक्टरों के 18 पद कई …

बरेली, अमृत विचार। एसआरएम राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। इसके चलते कई सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। यहां शासन की ओर से डॉक्टरों के कुल 50 पद स्वीकृत किए गए हैं लेकिन इसके सापेक्ष सिर्फ 32 ही यहां तैनात हैं। अभी भी यहां डाॅक्टरों के 18 पद कई वर्षों से रिक्त हैं। हालांकि प्रबंधन का तर्क है कि कई बार डॉक्टरों की तैनाती के लिए मांग की जा चुकी है।

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कोरोना की दस्तक के बाद से ऐलौपेथी के साथ ही आयुर्वेद की तरफ लोगों को रुझान बढ़ा है। लॉकडाउन के दौरान भी वर्चुअल माध्यम से आयुर्वेद के डॉक्टरों ने मरीजों को इलाज और परामर्श दिया था। तब से यहां आयुर्वेदिक कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो यहां ओपीडी में रोजाना 20 डॉक्टर मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। वहीं, 400 से 500 तक मरीज रोजाना ओपीडी में आ रहे हैं। सबसे अधिक मरीज वर्तमान में बुखार और त्वचा संबंधी रोगों से ग्रसित मिल रहे हैं।

कोरोना ने किया वार तो अब आयुष आपके द्वार
अधिकांश शहरवासी ही इलाज के लिए आयुर्वेदिक कॉलेज की ओपीडी में आते हैं लेकिन देहात क्षेत्र के मरीजों को भी बेहतर इलाज मिल सके। उन तक पहुंच बनाने के लिए आयुष विभाग ने करीब तीन साल पहले ‘आयुष आपके द्वार अभियान’ चलाने के निर्देश जारी किए थे। यह अभियान अब भी जारी है। इसके अनुपालन में जिले में हर माह के दो दिन कॉलेज की टीमें देहात क्षेत्र में शिविर लगाकर मरीजों को इलाज मुहैया करवा रही है।

लंबे समय से डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो सकी है जिस कारण कुछ पद रिक्त हैं। हालांकि ओपीडी में आने वाले मरीजों को समय पर बेहतर इलाज दिया जा रहा है। 20 डॉक्टर ओपीडी में मरीज देख रहे हैं। प्रबंधन मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए प्रयासरत है।-डॉ. डीके मौर्या, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज

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