लखनऊ: उमर अंसारी की जमानत याचिका पर यूपी सरकार को कोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश  

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। उच्च न्यायलय की लखनऊ बेंच ने हजरतगंज के जियामऊ की शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर उसे धोखाधड़ी से अपने व अपने भाई तथा पिता मुख़्तार अंसारी के नाम कराने के अभियुक्त मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका पर राज्य सरकार को 10 दिनों में जवाब देने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने उमर अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि जिस शत्रु संपत्ति को धोखाधड़ी से अपने नाम कराने का आरोप उस पर है, वह उसके जन्म से भी पहले उसके पूर्वजों के नाम हस्तांतरित हो चुकी थी। अग्रिम जमानत का राज्य सरकार की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने विरोध किया।

अभियोजन पक्ष का कहना है कि मामले की रिपोर्ट लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुख्तार अंसारी व उसके बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी भूमि पर आपराधिक साजिश के तहत एलडीए से नक्शा पास करा कर कब्जा कर लिया तथा उक्त भूमि पर अवैध निर्माण भी कर लिया गया है। अभियोजन द्वारा आरोप लगाया गया है कि मामले में माफिया मुख्तार अंसारी ने अनुचित दबाव डालकर अपने व अपने बेटों के नाम से शत्रु संपत्ति को दर्ज करा लिया है। 

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