पीलीभीत: फरीदपुर के शराब ठेकेदार समेत नौ पर बलवा और जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज

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Published By Vishal Singh
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सुनगढ़ी पुलिस ने दिनभर की छानबीन के बाद की कार्रवाई, गिरफ्तारी नहीं

पीलीभीत, अमृत विचार। आबकारी अधिकारी के सामने पीलीभीत और फरीदपुर (बरेली) के शराब ठेकेदारों के बीच हुए विवाद में कई घंटे की टालमटोल के बाद कार्रवाई कर दी गई। फरीदपुर के शराब ठेकेदार समेत नौ के खिलाफ बलवा, जानलेवा हमला, गाली गलौज, धमकाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। टीम ने बरेली समेत कई जगह दबिश दी, लेकिन कोई सफलता गिरफ्तारी में नहीं मिल सकी। 

शहर के शिवनगर कालोनी निवासी आयुष जायसवाल ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 13 जनवरी की रात साढ़े नौ बजे वह अपने भाई, भतीजे के साथ असम चौराहा के पास एक ढाबे पर खाना खाने गए थे। वहां से निकलते ही गैस चौराहा की दुकान के ठेकेदार फरीदपुर बरेली के प्रभात जायसवाल ने साथियों संग रोकने की कोशिश की। गाड़ी में टक्कर मारी गई। किसी तरह बचकर वह वापस आ गए थे।

दूसरे दिन शनिवार सुबह 11 बजे चेक देने के लिए शराब के थोक गोदाम कार्यालय में गए थे। वहां आबकारी अधिकारी और आबकारी निरीक्षक बैठे हुए थे। आरोपियों ने आकर गाली गलौज की। जान से मारने की नियत से प्रभात ने रिवाल्वर निकालकर तान दिया और ओमप्रकाश ने पौनिया बंदूक निकाल ली।

अधिकारियों ने बीच बचाव कराया। वरना आरोपी जान से मार देते। घटना सीसीटीवी में भी कैद हो गई। सुनगढ़ी पुलिस ने प्रभात जायसवाल,  विनीत जायसवाल एर्फ टोनी, वीनू जायसवाल, ओमप्रकाश जायसवाल उर्फ गप्पू और पांच अज्ञात पर धारा 147, 148, 149, 307, 323, 506, 506 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज की। मगर, अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

अरे दिन में ही लिखी रिपोर्ट तो शाम तक छिपाया क्यों?
शनिवार को देर शाम तक सुनगढ़ी पुलिस घटना की एफआईआर न लिखे जाने की बात कहती रही थी। मगर, एफआईआर में मुकदमा दर्ज करने का समय 14 जनवरी को 15.15 बजे का दर्शाया गया है। अब सवाल यह है कि जब दिन में ही रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी तो शाम तक थाना सुनगढ़ी पुलिस इनकार क्यों करती रही?

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