काशीपुर: शहर को स्वच्छ रखने में मददगार होगी गोबर की लकड़ी 

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Published By Bhupesh Kanaujia
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अर्शी खान, काशीपुर, अमृत विचार। गोबर से बनी लकड़ी सीवरेज जाम की समस्या से निजात दिलाएगी। नगर निगम स्वयं सहायता समूह के माध्यम से गोबर से लकड़ी बनाने का प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। इससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिलने के साथ ही लोगों को सीवर में गिरने वाले गोबर की समस्या से निजात मिलेगी।

निगम क्षेत्र में अनेकों पशुपालक गाय-भैंस के गोबर को नाले व नालियों में बहा देते हैं, जिससे शहर की सीवरेज लाइन जाम हो जाती है और उनका पानी सड़कों पर बहता है। इसके संक्रामक बीमारी फैलने का भय भी बना रहता है। निगम की इस नई पहल से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इसे बनाकर स्वरोजगार से जुड़ेंगी। गोबर से निर्मित यह लकड़ी जहां अलाव जलाने के काम आएगा। वहीं, अन्य स्थानों पर भी इसका प्रयोग किया जा सकेगा। इससे लोगों की आमदनी भी होगी।

निगम ने इसकी शुरुआत कर दी है और गोबर से निर्मित वस्तुएं बनाकर नया स्टार्टअप शुरू करने वाले आवास विकास निवासी नीरज चौधरी को इस कार्य के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। वह स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण भी देंगे। गोबर में घास-भूस इत्यादि वस्तुओं को मिलाकर मशीन की सहायता से गोबर से लकड़ी बनाने का यह कार्य किया जाएगा। नीरज चौधरी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेंगे। 


मिलेगा रोजगार, प्रदूषण होगा कम 
काशीपुर। गोबर से बने इस खास प्रकार के लठ को बनाने का काम नगर निगम स्वयं सहायता समूह की महिलाएं द्वारा कराएगा। जिसे बेचकर उन्हें उनका मेहनताना मिलेगा। पशुपालाकों को भी गोबर नालियों व सीवर में नहीं बहाना पड़ेगा। वहीं प्रदूषण कम होगा। पेड़ों कटाई भी कम होगी। जिससे पर्यावरण में संतुलन बना रहेगा। गोबर से निर्मित लकड़ी खरीद कर शहर के चौक चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर अलाव के रूप में जलाएगा। 
इंसेट:
शमशान घाट पर भी होगी प्रयोग
काशीपुर। नगर आयुक्त विवेक राय के मुताबिक गोबर को कंडों के आकार में वेल्यू एडिशन कर खास मशीन के जरिए इसकी लकड़ी तैयार की जाएगी। इस लकड़ी से होलिका दहन होने पर काफी हद तक पॉल्यूशन बढ़ने से रोका जा सकेगा। शमशान घाटों पर गोबर की लकड़ियों का इस्तेमाल भी किया जाएगा। इसके लिए निगम गाय के गोबर से बनी विशेष लकड़ी का प्रयोग करेगा।


दूध न देने वाली पशु भी आएंगे काम
काशीपुर। गोबर की लकड़ी के आ जाने से दूध न देने वाले पशु भी उतनी ही महत्वपूर्ण साबित होंगे, जितना दूध देने वाले पशु, क्योंकि इन पशुओं के गोबर से पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा।

नगर निगम गोबर से निर्मित लकड़ी के लिए महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देगा और नगर निगम क्षेत्र में मशीन उपलब्ध कराकर रोजगार का अवसर भी देगा। साथ ही इस कार्य के लिए महिलाओं को लोन इत्यादि की सुविधा भी देगा। लंबे समय से शहर में सीवरेज जाम की समस्या बनती आ रही है। पशुपालक गोबर को सीवरेज में गिरा देते हैं। जिसके चलते सीवरेज जाम हो जाता है।  
- विवेक राय, नगर आयुक्त, नगर निगम, काशीपुर

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