Earthquake : तुर्की में आज फिर आया भूकंप, पांचवीं बार कांपी धरती, 5000 से अधिक की मौत

Earthquake : तुर्की में आज फिर आया भूकंप, पांचवीं बार कांपी धरती,  5000 से अधिक की मौत

अंकारा। USGS के अनुसार पूर्वी तुर्की में 5.4 तीव्रता का पांचवां भूकंप आया है। भूकंपों से अबतक मरने वालों की संख्या 5,000 तक पहुंच गई है।

तुर्की में आज (7 फरवरी) फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। तुर्की में पांचवीं बार धरती कांपी है। मंगलवार को आए इस भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.6 मापी गई है। 

तुर्किये और सीरिया में आए भीषण भूकंप के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,000 से अधिक हो गई है। वहीं, भूकंप के चलते हज़ारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और बचावकर्मी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

तुर्की और सीरया में सोमवार को आए भूकंप से हाहाकार मचा हुआ है। खबर लिखे जाने तक मरने वालों का आंकड़ा 4 हजार पार कर चुका है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का दावा सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि तुर्की में भूकंप की वजह से मरने वालों की संख्या 8 गुना बढ़ सकती है। 

बता दें कि बचावकर्मी ठंड और बर्फीली परिस्थितियों में मलबे के पहाड़ों के बीच जीवित बचे लोगों को खोजने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं। भूकंप की वजह से हजारों लोग लापता हैं और हजारों घायल हैं। हॉस्पिटलों में घायलों का इलाज तो चल रहा है लेकिन हॉस्पिटल भी फुल चल रहे हैं, जिसकी वजह से सभी पीड़ितों को एडमिट भी नहीं किया जा सका है।

बता दें कि तुर्की और सीरिया में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 थी। भूकंप का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई बड़ी इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं और हजारों लोग मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से तुर्की प्रशासन का एक बयान सामने आया है, जिसमें उसने बताया है कि 5 हजार से ज्यादा इमारतों को इस भूकंप की वजह से नुकसान पहुंचा है। 

न्यूज़ीलैंड तुर्की रेड क्रीसेंट को 632,000 डॉलर और सीरियाई अरब रेड क्रिसेंट को 316,000 डॉलर की मदद दे रहा है जिससे खाना, टेंट और कंबल जैसे सामान की डिलीवरी के साथ-साथ चिकित्सा सहायता और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जा सके। तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान से फोन पर बात की। बाइडेन ने हर संभव मदद देने का जिक्र उनसे किया।

तुर्किए के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका के अनुसार, खराब मौसम के चलते सहायता टीमों के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। कोका ने कहा, मौसम की स्थिति और आपदा की भयावहता के कारण हमारी टीमों के लिए क्षेत्र में पहुंचना मुश्किल हो गया है। तुर्किए के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि ऐसी आपदा 100 साल में एक बार आ सकती है। देश को मरने वालों की संख्या बढ़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। एक भारतीय वायु सेना सी-17 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की खोज और बचाव टीमों के साथ तुर्किए के लिए रवाना हुई। यह विमान एक बड़े राहत प्रयास का हिस्सा है जो IAF द्वारा अन्य भारतीय संगठनों के साथ किया जाएगा।




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