ईंधन उपकर: केरल में कई स्थानों पर कांग्रेस का मार्च हुआ हिंसक, विधायकों का धरना प्रदर्शन जारी

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Published By Om Parkash chaubey
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तिरुवनंतपुरम। केरल में ईंधन पर उपकर (सेस) लगाने संबंधी राज्य सरकार के बजट प्रस्तावों के खिलाफ विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा निकाला गया मार्च कई जगहों पर हिंसक हो गया। इसके कारण आंदोलनकारियों को तितरबितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस छोड़ने और पानी की बौछार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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जिला कांग्रेस समिति के तत्वाधान में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 13 जिलों के कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला और पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर ‘सामाजिक सुरक्षा उपकर’ लगाने के प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया। तिरुवनंतपुरम में मार्च को सचिवालय तक ले जाया गया।

आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने वाम सरकार के खिलाफ नारे लगाए और एर्नाकुलम, त्रिशूर और कोट्टायम में बैरीकेड तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस को पानी की बौछार करनी पड़ी। पार्टी कार्यकर्तओं ने कोल्लम जिले में पुलिस के बैरिकेड को ढकेल कर गिरा दिया। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिस पर पथराव किया और प्लास्टिक की बोतलें फेंकीं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन, जिन्होंने मार्च की शुरुआत राज्य की राजधानी से की थी, ने सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया कि उपकर यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया कि राज्य के कमजोर तबके के लिए मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण अबाध रूप से जारी रहे। सतीशन ने कहा, ‘‘पेंशन और वेतन देना सरकार की जिम्मेदारी है।

आम जनता पर इसके लिए बोझ नहीं डाला जा सकता। यह और कुछ नहीं कर आतंक है और आम आदमी से लूट है।’’ इस बीच कांग्रेस-यूडीएफ के चार विधायकों शफी परम्बिल, मैथ्यू कुझलनादन, नजीब कंथापुरम और सी आर महेश द्वारा राज्य विधानसभा के प्रवेश द्वार पर धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। बजट में प्रति लीटर डीजल-पेट्रोल की बिक्री पर दो रुपये का ‘सामाजिक सुरक्षा उपकर’ वसूलने का प्रस्ताव है।

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