मुरादाबाद : जाम में फंसे रहे वाहन, चौराहों पर हेलमेट जांच में जुटी पुलिस

Amrit Vichar Network
Published By Priya
On

हरथला, पीलीकोठी, पीएसी तिराहे पर वाहनों के जाम में फंस रहे स्कूली बच्चे और कामकाजी लोग

मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर में स्मार्ट पुलिसिंग कागजों में है। चौक चौराहों पर वाहन जाम में फंस रहे हैं। जबकि पुलिस केवल हेलमेट और बाहर के जिलों और दूसरे प्रांतों के आने वाले वाहनों की जांच में जुटी है। 

शनिवार को स्मार्ट सिटी के हरथला, पीलीकोठी, पीएसी तिराहे, टाउनहाल, महानगर कोतवाली, गुरहट्टी, गंज बाजार में लोग फंस रहे हैं। सड़क के दोनों पटरियों पर वाहनों को बेतरतीब तरीके से खड़े होने और ई रिक्शा चालकों की मनमानी से कभी भी किसी भी समय जाम लगने से लोगों का समय और ईंधन बर्बाद हुआ। यहां तक कि जाम में फंसने पर स्कूली वाहन को भी रास्ता न मिलने से देर से पहुंचने पर बच्चों को टीचर की नाराजगी भुगतनी पड़ी । कोई डांट फटकार सुन रहा है तो किसी को कान पकड़कर उठक बैठक करायी गयी। 

कामकाजी लोगों को भी जाम में फंसने से अपने कार्यस्थल पर विलंब से पहुंचने पर अधिकारी या बॉस का गुस्सा झेलना पड़ा। उधर कई निजी संस्थानों में कार्य करने वाले कर्मियों को तो देर से जाने के चलते उस दिन की अनुपस्थिति लगाकर लौटाया गया है या फिर आधे दिन का वेतन काट लिया जा रहा है। कई ऐसे पीड़ितों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ऐसी स्थिति किसी एक महीने नहीं लगभग हर माह में आती है। इसका समाधान निकालने में यातायात पुलिस के अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। शहर केवल नाम का स्मार्ट है। यहां न तो स्मार्ट रोड नेटवर्क की स्थिति अभी बनी और न ही पुलिसिंग स्मार्ट दिख रही है।

यातायात नियंत्रण के लिए लगी संकेतक लाइटें खराब
पीलीकोठी से कांठ रोड पर यातायात नियंत्रण व नियमों के पालन के लिए निरर्थक साबित हो रही हैं। पीलीकोठी, पीएसी तिराहे के पास की लाइटें खराब हैं तो अकबर का किला तिराहे और उसके आसपास के एक दो चौराहे पर 24 घंटे यातायात संकेतक लाइट की केवल पीली बत्ती ही टिमटिमाती रहती है। ऐसे में वाहन चालक यह नहीं समझ पाते कि इसे देखकर नियम पालन करना है या फिर फर्राटा भरते हुए निकल जाना है। ऐसे में दिनभर जाम के हालात बने रहते हैं।

किस काम का कंट्रोल रूम सेंसरयुक्त कैमरे से कैसी निगरानी
स्मार्ट सिटी मिशन में 232 करोड़ रुपये की लागत से पीलीकोठी परिसर में एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित है। इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों हो चुका है। इस कंट्रोल सेंटर में लगे और शहर के कई चौक चौराहों पर लगे 263 सेंसरयुक्त कैमरे से निगरानी की जा रही है। इन कैमरों से प्रमुख चौराहों, शहर के हर कोने पर निगरानी हो रही है। लेकिन, सवाल यह है कि फिर शहर में लगे इन कैमरे की सार्थकता क्या है जब इसकी जद में जाम दिखने के बाद भी पुलिस अधिकारियों और इनके जवानों को इसे नियंत्रित कर यातायात सुगम बनाने का संदेश नहीं दिया जाता है। नगर आयुक्त संजय चौहान का कहना है कि इस कंट्रोल सेंटर से संदेश प्रसारित होने का सिस्टम है। इसकी मानीटरिंग पुलिस ही करती है। उन्हें ही जाम आदि की स्थिति को देखकर यातायात सुचारू कराना चाहिए।

जिम्मेदार अधिकारी भी नहीं दिखा रहे संजीदगी
हरथला चौराहा हो या पीएसी तिराहा या फिर नवीन नगर के पास का मोड़ हर जगह यातायात पुलिस के कर्मी और कई बार परिवहन विभाग का दस्ता बाहरी दोपहिया और चार पहिया वाहनों को रोक कर नियम सिखाकर चालान काटने में जुटे रहते हैं। उनकी नजर स्थानीय वाहनों पर जाती नहीं या फिर अनदेखी करते हैं वही जानें। वह दोपहिया वालों के केवल हेलमेट पर नजर रखते हैं उन्हें जाम में फंसे लोगों की फिक्र नहीं रहती है। 

ये भी पढ़ें:- मुरादाबाद : सोशल मीडिया पर उठे विवाद के बाद जानी दुश्मन बन बैठे दोनों दोस्त

संबंधित समाचार